उन्होंने जनहित याचिका दर्ज कर संवेदक पाटिल कंस्ट्रक्शन सहित संबंधित जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने याचिका दायर की. याचिका में कहा गया है कि एनएच-75 के पड़वा मोड़-गढ़वा रोड-मूरी सेमर तक की स्थिति काफी खतरनाक है. पाटिल कंस्ट्रक्शन को सड़क निर्माण व मरम्मत की जिम्मेवारी वर्ष 2011 में मिली थी. 20 माह में कार्य पूरा करना था.
झारखंड हाइकोर्ट के आदेश पर पाटिल कंस्ट्रक्शन को कार्य पूरा करने के लिए 31 मार्च 2014 तक अवधि विस्तार मिला, लेकिन उक्त संवेदक ने अब तक कार्य पूरा नहीं किया है. सात बड़े पुल में से सिर्फ लाैंगा नदी पर एक पुल बन सका है. छह पुल के निर्माण के लिए गड्ढे खोद कर छोड़ दिये गये हैं. दर्जनों कलवर्ट, पुलिया आदि का भी निर्माण नहीं हो पाया है. आये दिन इस राजमार्ग पर दुर्घटना होती रहती है. विगत दिन एक व्यक्ति की माैत हो गयी. उसके परिजनों ने पाटिल कंस्ट्रक्शन के मालिक के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है. प्रार्थी ने पूरी सड़क की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी करायी है, जिसे सीडी में हाइकोर्ट में प्रस्तुत किया गया है. उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी एनएच-75 को लेकर श्री केसरी आैर झारखंड स्टेट बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष व हाइकोर्ट के वरीय अधिवक्ता पीसी त्रिपाठी ने अलग-अलग जनहित याचिका दायर की थी.