उन्होंने बताया कि ब्रेक डाउन रोकने के लिए प्रोटेक्शन सिस्टम को मजबूत बनाया गया है. कंट्रोल रूम को 24 घंटे चालू रखा गया. विद्युत शक्ति उपकेंद्र के अर्थिंग व तापमान पर खास ध्यान रख कर निर्देश जारी किये गये हैं. सभी केंद्रीय भंडारों में पर्याप्त मात्रा में ट्रांसफारमर व तार उपलब्ध कराये गये हैं. इन्हीं कारणों से इस बार मौसम के खराब रहने के बाद भी पांच से छह घंटों के अंदर व्यवस्था बहाल कर दी गयी. राज्य में विद्युत उपलब्धता के अलावा पावर एक्सचेंज से अतिरिक्त 100 से 150 मेगावाट बिजली खरीद कर पीक आवर में भी बिजली आपूर्ति की जा रही है.
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पिछले वर्ष की तुलना में बिजली की स्थिति बेहतर : एमडी
रांची: झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि राज्य में बिजली की कोई किल्लत नहीं है. गरमी के मौसम में झारखंड में बिजली की जरूरत बढ़ कर 2150 मेगावाट हो जाती है. इन दिनों ट्रांसफारमर खराब होने और तार टूटने की घटना में भी […]
रांची: झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राहुल पुरवार ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि राज्य में बिजली की कोई किल्लत नहीं है. गरमी के मौसम में झारखंड में बिजली की जरूरत बढ़ कर 2150 मेगावाट हो जाती है. इन दिनों ट्रांसफारमर खराब होने और तार टूटने की घटना में भी वृद्धि हो जाती है. विद्युत शक्ति उपकेंद्र के पावर ट्रांसफारमर का तापमान बढ़ने के कारण बिजली आपूर्ति में बाधा होती है. इन सबको ध्यान में रखते हुए राज्य में ग्रीष्मकालीन कार्य योजना तैयार कर काम किया जा रहा है. इस वजह से झारखंड में बिजली की स्थिति में गुजरे वर्षों की तुलना में काफी सुधार हुआ है.
दिसंबर तक 100 फीसदी विद्युतीकरण : श्री पुरवार ने कहा कि झारखंड के 29492 गांवों में से 27757 गांवों का विद्युतीकरण किया जा चुका है. शेष 1735 गांवों में इसी साल दिसंबर तक विद्युतीकरण कर लिया जायेगा. श्री पुरवार ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण व दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत किये जा रहे कार्यों का ब्योरा भी सार्वजनिक किया.
तारीफ कर वापस लौटी वर्ल्ड बैंक की टीम
श्री पुरवार ने बताया कि वर्ल्ड बैंक की टीम ने इज अॉफ डूइंग बिजनेस के तहत किये गये कार्यों की समीक्षा के बाद झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के कार्यों की तारीफ की है. वितरण द्वारा आरंभ किये गये लोड कैलकुलेटर व मोबाइल एप्स को सराहा है. लोड कैलकुलेटर से उपभोक्ताओं को बिजली की खपत और लोड की अॉनलाइन जानकारी मिल रही है. बिजली की खपत ज्यादा या कम होने पर उसके अनुरूप ही बिल में एडजस्ट किया जा सकता है.
अंडरग्राउंड केबलिंग के लिए शुरू हो गया काम
श्री पुरवार ने कहा कि राज्य के चार शहरों रांची, जमशेदपुर, धनबाद व देवघर में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम शुरू हो गया है. काम शुरू करने के लिए सर्वे की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. उन्होंने बताया कि बिलिंग विसंगतियों को दूर करने पर काम चल रहा है. निकट भविष्य में उसे ठीक कर लिया जायेगा. निगम द्वारा राज्य के सभी जिलों में बिजली का ऑनलाइन बिल मुहैया कराने की तैयारी भी लगभग पूरी की जा चुकी है.
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