कोर्ट ने उक्त आदेश देने के बाद याचिका निष्पादित कर दिया. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ में हुई. खंडपीठ ने कहा कि आयोग 1984 में हुए सिख विरोधी दंगा के पीड़ितों के मामले में जो भी कार्रवाई की गयी है, चाहे वह मुआवजा भुगतान का हो या मुआवजा भुगतान नहीं किया गया हो या लंबित आपराधिक मामला हो, सभी मामलों की जांच करेगा आैर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट साैंपेगा.
प्रार्थी की अोर से वरीय अधिवक्ता डाॅ एसएन पाठक आैर राज्य सरकार की अोर से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा. मालूम हो कि प्रार्थी सतनाम सिंह गंभीर व अन्य की अोर से जनहित याचिका दायर की गयी थी. कहा गया था कि नयी स्कीम के तहत पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा