रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि स्थानीयता पर पीछे जाने का कोई सवाल ही नहीं है. जिला स्कूल के छात्र अमन कुमार के सवाल पर उन्होंने कहा : टूट जाऊंगा, पर झुकूंगा नहीं. सरकार ने सभी का विचार लेकर काम किया है. जिस दिन यह मामला कैबिनेट में लाया जा रहा था, […]
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि स्थानीयता पर पीछे जाने का कोई सवाल ही नहीं है. जिला स्कूल के छात्र अमन कुमार के सवाल पर उन्होंने कहा : टूट जाऊंगा, पर झुकूंगा नहीं. सरकार ने सभी का विचार लेकर काम किया है. जिस दिन यह मामला कैबिनेट में लाया जा रहा था, उस दिन भी सहयोगियों से राय लेने की कोशिश की थी.
पर लोगों ने अपना मोबाइल बंद रखा था. मंगलवार को सूचना भवन में बच्चों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में छात्र अमन कुमार ने मुख्यमंत्री से पूछा था कि क्या आप स्थानीय नीति पर कायम रहेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या निजी स्कूलों जैसी सुविधा सरकारी स्कूलों में भी उपलब्ध होगी, मुख्यमंत्री ने कहा : इसके लिए सरकार प्रयासरत है. मैं खुद बोरा लेकर स्कूल जाता था. सत्ता संभालने के बाद मेरा शिक्षा पर विशेष ध्यान है. प्रयास किया जा रहा है कि तीन माह में सभी स्कूलों में बिजली की व्यवस्था हो जाये. बच्चों के लिए बस की व्यवस्था हो, इस दिशा में काम किया जा रहा है.
नीतीश को दूसरे चीज का नशा, बुखार उतर जायेगा : मुख्यमंत्री ने कहा : बिहार के सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी को लेकर झारखंड के गरीबों की चिंता करने का दिखावा कर रहे हैं. नीतीश को शराबबंदी नहीं, दूसरे चीजों का नशा है. कुछ दिन में बुखार उतर जायेगा.
पहले के कार्यकाल में नीतीश ने बिहार में 10 वर्षों तक खुद गांव- गांव, पंचायत-पंचायत शराब की दुकानें खुलवायी. बिहार के लोगों में नशे की लत लगाने का काम किया. अब पंचायत चुनाव में आधी आबादी का वोट लेने के लिए राजनीति के तहत शराबबंदी का दिखावा कर रहे हैं. शराबबंदी का निर्णय लेने से पूर्व उन्हें सभी संभावनाओं का आकलन करना चाहिए था. उन्होंने कहा : क्या नीतीश ने झारखंड के भरोसे बिहार में शराबबंदी का निर्णय लिया था, पाबंदी लगाने से पहले चर्चा करनी चाहिए थी, न कि बाद में बयानबाजी. जहां तक रही झारखंड में शराबबंदी की बात है, तो राज्य सरकार सोच-समझ कर निर्णय लेगी. हमें किसी की नसीहत की जरूरत नहीं है. अपने राज्य की जनता की भलाई की चिंता हमें है.
नीतीश बतायें, क्यों दबा कर रखें हैं नक्शा : मुख्यमंत्री ने कहा : बिहार सरकार को बताना चाहिए कि वह 15 वर्षों से झारखंड के गरीब, आदिवासी, किसानों की जमीन का नक्शा क्यों दबा कर बैठी है. नक्शा नहीं होने के कारण उनकी जमीन का सही आकलन नहीं हो पा रहा है. इसके लिए झारखंड सरकार ने कई बार अनुरोध किया. हमने खुद पटना जाकर नक्शा सौंपने की अपील की थी, लेकिन नहीं दिया जा रहा है. तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने वादा किया था कि वह नक्शा सौंप देंगे. नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बनते ही बिहार सरकार के वादे को पलट दिया. उन्हें बताना चाहिए कि नक्शा नहीं देकर वह क्या साबित करना चाहते हैं.