रांची: हाइकोर्ट ने शुक्रवार को नक्सली घटनाओं में मारे गये लोगों के परिजनों को मुआवजा भुगतान को लेकर दायर जनहित याचिका पर फैसला सुनाया. अदालत ने छह जनवरी को सुनवाई पूरी होने पर आदेश सुरक्षित रख लिया था.
चीफ जस्टिस आर भानुमति व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने याचिका निष्पादित करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि पीड़ित परिजनों के मुआवजा भुगतान के लिए जितने भी मामले लंबित हैं, केंद्र सरकार की अधिसूचना के आलोक में उसका निष्पादन छह माह के अंदर कर दिया जाये. भविष्य में आनेवाले मुआवजा मामले का भी निष्पादन अधिकतम छह माह के अंदर किया जाये. खंडपीठ ने केंद्र सरकार की अधिसूचना की प्रति डीजीपी, डीसी व एसपी को भेजने का निर्देश दिया.
डीसी व एसपी अधिसूचना की प्रति प्रखंड स्तर पर भेजेंगे. हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल जिला विधिक सेवा प्राधिकार को अधिसूचना की प्रति उपलब्ध करायेंगे. यह प्राधिकार इसका प्रचार प्रसार करेगा. उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा पीड़ित के परिजन को तीन लाख व राज्य सरकार द्वारा एक लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है. वर्ष 2009-2010 में 64 व 2010-2011 में 96 आमलोगों की मौत हुई है.