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हॉकी प्रतियोगिता: हलक बुझाने को पानी नहीं और हजारों लीटर से पट रहा मैदान
रांची: रांची में इन दिनों हॉकी इंडिया जूनियर राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है. प्रतियोगिता में प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की बरबादी हो रही है. सोमवार से शुरू हुई प्रतियोगिता में दो दिन में कुल 12 मैच खेले जा चुके हैं. पहले दिन नौ मैच, जबकि दूसरे दिन मंगलवार को तीन मैच खेले […]
रांची: रांची में इन दिनों हॉकी इंडिया जूनियर राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है. प्रतियोगिता में प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की बरबादी हो रही है. सोमवार से शुरू हुई प्रतियोगिता में दो दिन में कुल 12 मैच खेले जा चुके हैं. पहले दिन नौ मैच, जबकि दूसरे दिन मंगलवार को तीन मैच खेले गये. इस दौरान 60 से 90 हजार लीटर पानी का इस्तेमाल किया गया.
स्टेडियम परिसर में कुआं
पानी के लिए एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम परिसर में एक कुआं है. गरमी के कारण कुएं में पानी का लेवल काफी नीचे चला गया है. चल रही प्रतियोगिता के दौरान इसी कुएं के पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके लिए पानी को मोटर से खींच कर पास में बने संप में जमा किया जाता है. इसके बाद स्प्रिंकलर के जरिये मैदान में पानी डाला जा रहा है. इसके अलावा इसी पानी का इस्तेमाल प्रतियोगिता में शामिल करीब 400 खिलाड़ी व तकनीकी अधिकारी नहाने-धोने में कर रहे हैं.
2014 में भी हुआ था संकट : वर्ष 2014 में भी यहां पानी की कमी हो गयी थी. उस दौरान एस्ट्रोटर्फ स्टेडियम में बालकों की सब जूनियर हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. तब नगर निगम से पानी मंगा कर प्रतियोगिता संपन्न करायी गयी थी. 1992 में बने इस स्टेडियम में पोली टैन टर्फ का इस्तेमाल किया गया है. इसमें ज्यादा पानी डालने की जरूरत पड़ती है. वहीं वर्तमान में बने स्टेडियमों में पोली ग्रास टर्फ लगाये गये हैं, जिनमें कम पानी डालने से भी काम चल जाता है.
रेलवे ने कैंप से किया इनकार
दूसरी ओर पानी की कमी को देखते हुए रांची रेल मंडल ने सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेनेवाली रेलवे की हॉकी टीम का कैंप कराने से इनकार कर दिया है. भोपाल में होनेवाली नेशनल चैंपियनशिप के लिए पहले दो चरणों का कैंप दिल्ली और सोनीपत में आयोजित किया जा चुका है. रांची में तीसरे चरण का कैंप लगना था, लेकिन रांची रेल मंडल ने इसके लिए मना कर दिया.
प्रति मैच 15 हजार लीटर पानी की जरूरत
एस्ट्रोटर्फ में होनेवाले प्रति हॉकी मैच के लिए करीब 15 से 17 हजार लीटर पानी की आवश्यकता पड़ती है. मैचों के दौरान स्टेडियम के सिंथेटिक ग्रास (घास) को नरम और ठंडा बनाये रखने की जरूरत होती है. इसके लिए इन पर (सिंथेटिक ग्रास पर) प्रति मैच दो बार पानी का डाला जाता है. हालांकि रांची में चल रही जूनियर राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता के दौरान प्रति दो मैच के बाद एक बार पानी डाला जा रहा है. यानी पहले दिन यहां चार बार पानी डाला गया (लगभग 60 हजार लीटर).
पानी की कमी तो है ही. हॉकी स्टेडियम का पानी टर्फ के साथ प्रेस क्लब के भवन निर्माण में भी इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे परेशानी हो रही है.
भोलानाथ सिंह, अध्यक्ष हॉकी झारखंड
पानी की कमी को देखते हुए मैचों के दौरान सिर्फ चार बार पानी डाल रहे हैं. पानी स्टेडियम परिसर के कुएं से निकाला जा रहा है.
सुरेन बड़ाईक, स्टेडियम मैनेजर
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