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दो विभागों के बीच फंसा एक लाख डोभा बनाने का काम, फिर बह जायेगा बारिश का पानी

रांची : बरसात में पानी रोकने के लिए राज्य में बननेवाले एक लाभ डोभा का काम दो विभागों के बीच फंस गया है. जिले के अधिकारियों को दो-दो विभागों ने लक्ष्य दे दिया है. दोनों विभागों का लक्ष्य पूरा करने के चक्कर में इस योजना को नुकसान हो रहा है. राज्य सरकार ने पहले तय […]

रांची : बरसात में पानी रोकने के लिए राज्य में बननेवाले एक लाभ डोभा का काम दो विभागों के बीच फंस गया है. जिले के अधिकारियों को दो-दो विभागों ने लक्ष्य दे दिया है. दोनों विभागों का लक्ष्य पूरा करने के चक्कर में इस योजना को नुकसान हो रहा है.
राज्य सरकार ने पहले तय किया था कि योजना बनाओ अभियान के तहत कृषि विभाग की ओर से इसका निर्माण कराया जायेगा. पर अब केंद्र ने भी इसके निर्माण की गाइड तय कर दी है. सभी राज्यों को लक्ष्य दे दिया. यह काम मनरेगा के तहत होगा.

झारखंड में इसका निर्माण कराने की जिम्मेदारी ग्रामीण विकास विभाग को दी गयी है. अब केंद्र के आदेश के बाद पूर्व से चल रही योजना का काम लगभग रुक गया है. इससे जल संकट झेल रहे लोगों को इस बार भी हालात में सुधार के आसार नहीं दिख रहे. काम रुक जाने के कारण इस बार भी मॉनसून में बारिश के पानी को रोका नहीं जा सकेगा. एक बार फिर बारिश का पानी बेकार बह जायेगा.
क्या थी राज्य सरकार की योजना : राज्य सरकार ने कृषि विभाग की इकाई भूमि संरक्षण से एक लाख डोभा बनाने का लक्ष्य रखा था. इसके लिए रविवार तक कुल 7852 के आसपास आवेदन आये हैं. इनमें 3200 स्वीकृत भी हो गये हैं. 653 डोभा का निर्माण भी शुरू हो गया है. सरकार ने तय किया गया था कि मुख्यमंत्री के योजना बनाओ अभियान के तहत डोभा बनाने की जो मांगें आयी हैं, उसका काम कृषि विभाग करेगा. इसके लिए संबंधित जिलों को 29 मार्च को कृषि सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने आदेश भी दिया था. इसमें कहा गया था कि डोभा निर्माण के लिए आये आवेदनों को तय फॉरमेट में भर कर कृषि विभाग के पास जमा किया जायेगा. विभाग इसके लिए जरूरी सब्सिडी किसानों को उपलब्ध करायेगा. किसान खुद मशीन से डोभा का निर्माण करायेंगे.
अब क्या किया केंद्र सरकार ने : अब भारत सरकार ने भी सभी राज्यों को डोभा निर्माण कराने का निर्देश दिया है. सभी राज्यों को लक्ष्य दिया गया है. झारखंड में ग्रामीण विकास विभाग को मनरेगा के तहत इसका निर्माण कराने को कहा गया है. राज्य में कुल 1.28 लाख डोभा बनाने का लक्ष्य रखा गया है. केंद्र के इस निर्देश के बाद राज्य सरकार ने 15 जून तक 50 फीसदी निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है.अब क्या हो रही समस्या एक की योजना का काम दो-दो विभागों के जिम्मे आ गया. केंद्र के आदेश के बाद आवेदन जमा होने की प्रक्रिया धीमी हो गयी है. कृषि विभाग के अधिकारी मानते हैं कि शुरुआती दिनों में जिला प्रशासन से जितना सहयोग मिल रहा था, अब नहीं मिल रहा है. इस कारण इस योजना को गति नहीं मिल पा रही है.
15 जून तक कराना है निर्माण
राज्य सरकार ने कृषि विभाग के तहत चार प्रकार के डोभा निर्माण की सहमति दी है. 15 गुना 15 फीट से लेकर 30 गुना 30 फीट तक के आकार के डोभा बनाने हैं. इनकी गहराई 10 फीट होनी है. इस पर राज्य सरकार ने अलग-अलग सब्सिडी भी तय की है.
जिलों को भेजे गये पांच-पांच करोड़
राज्य सरकार की योजना के तहत डोभा निर्माण के लिए सभी जिलों को पहले चरण में पांच-पांच करोड़ भेज दिये गये हैं. इनका निर्माण मशीन से कराया जाना है. कृषि विभाग ने इसकी जिम्मेदारी किसानों को ही दी है. वहीं केंद्र के आदेश के अनुसार, इनका निर्माण मनरेगा के तहत हाथ से होगा.
छह प्रतिशत बढ़ेगा कर्मचारियों का डीए
रांची. राज्य सरकार के कर्मचारियों व पेंशन भोगियों का महंगाई भत्ता (डीए) छह फीसदी बढ़ेगा. मंगलवार को होनेवाली कैबिनेट की बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव पेश किये जाने की संभावना है. कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पर सहमति मिलने के बाद सरकारी कर्मचारियों का डीए 125 प्रतिशत हो जायेगा. फिलहाल 119 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलता है.

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