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दो करोड़ के एसबीटीइ घोटाले में कोई कार्रवाई नहीं

रांची : उच्च व तकनीकी शिक्षा (पहले विज्ञान व प्रावैधिकी) विभाग से संबद्ध राज्य तकनीकी शिक्षा पर्षद (एसबीटीइ) में करीब दो करोड़ का घोटाला हुअा है. परीक्षा संचालन, रिजल्ट व उत्तर पुस्तिका सहित अन्य मद में हुई इस भारी गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट करीब साल भर पहले तैयार हुई थी, पर आज तक इस पर […]

रांची : उच्च व तकनीकी शिक्षा (पहले विज्ञान व प्रावैधिकी) विभाग से संबद्ध राज्य तकनीकी शिक्षा पर्षद (एसबीटीइ) में करीब दो करोड़ का घोटाला हुअा है. परीक्षा संचालन, रिजल्ट व उत्तर पुस्तिका सहित अन्य मद में हुई इस भारी गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट करीब साल भर पहले तैयार हुई थी, पर आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. यह जांच तत्कालीन विभागीय मंत्री सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर विभागीय आदेश (5.11.14) के तहत करायी गयी थी.
रिपोर्ट में एजेंसी मेवेरिक कंसलटेंसी सर्विस, रांची को गलत तरीके से करोड़ों का भुगतान करने की पुष्टि हुई है. दरअसल पर्षद में गड़बड़ी के सबसे बड़े जिम्मेवार इसके तत्कालीन सचिव अारके साहा थे. वहां से स्थानांतरण के बाद नये सचिव बीपी सिन्हा ने पर्षद में हुई गड़बड़ी की शिकायत विभाग से की थी. इसी के बाद तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनायी गयी थी. इस कमेटी में उप सचिव कमलेश्वर प्रसाद, उप निदेशक स्नेह कुमार तथा प्रशाखा पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार शामिल थे. बाद में इस जांच रिपोर्ट की समीक्षा कर फिर से रिपोर्ट देने का जिम्मा विभाग के निवर्तमान संयुक्त सचिव दिलीप झा को मिला.
श्री झा ने तीन माह में करीब 1100 पेज के कागजात तथा पहले हुई जांच रिपोर्ट की समीक्षा कर तथा संबंधित लोगों से पूछताछ के बाद फिर से जांच रिपोर्ट विभागीय सचिव को 22 दिसंबर 2015 को सौंपी. इस रिपोर्ट में तीन आइएएस सहित कई लोगों को आरोपी बनाया गया है. इससे संबंधित प्रस्ताव/अनुशंसा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
जांच रिपोर्ट के प्रस्ताव, अनुशंसा तथा कार्रवाई
(1) पर्षद के तत्कालीन सचिव आरके साहा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही चलायी जाये. (कोई कार्रवाई नहीं, श्री साहा अब भी दुमका पॉलिटेक्निक के प्रभारी प्राचार्य हैं)
(2)पर्षद में प्रतिनियुक्त विनय कुमार तिवारी व शैलेश मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय कार्रवाई चलायी जाये (दोनों को सिर्फ उनके मूल पदस्थापन पर भेज दिया गया है)
(3) मेवेरिक कंसलटेंसी के प्रबंध निदेशक रोहित रमण, एसबीटीइ के तत्कालीन सचिव आरके साहा व विनय कुमार तिवारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी जाये (प्रथामिकी दर्ज नहीं, गौरतलब है कि तत्कालीन मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन ने 13.9.14 को ही यह आदेश दिया था कि यदि नियमों की अवहेलना कर वित्तीय अनियमितता की बात प्रकाश में अाती है, तो अविलंब प्राथमिकी दर्ज करायी जाये).
(4) तत्कालीन विभागीय सचिवों एल खियांग्ते, डॉ विनोद अग्रवाल, डॉ एके पांडेय (अब सेवानिवृत्त) तथा विभाग के तत्कालीन निदेशक डॉ अरुण कुमार ( अब विभाग में नहीं) से स्पष्टीकरण मांगा जाये (कोई कार्रवाई नहीं).
(5) क्रय समिति के सदस्यों आरके साहा, तत्कालीन सहायक निदेशक डॉ राजशेखर प्रसाद, वित्त विभाग के उप सचिव हरदेव नारायण सिंह तथा उद्योग विभाग के अवर सचिव लेअो मिंज के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाये (कोई कार्रवाई नहीं).

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