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20 से भी ज्यादा गांव के लाेगाें को नहीं मिल रहा पेयजल

सिल्ली: सुदूर पहाड़ी इलाकों में सालों भर पानी मुहैया करानेवाली स्वर्णरेखा नदी की सहायक उरंगढ़ा नदी इस गरमी में पूरी तरह सूख गयी है. अनगड़ा क्षेत्र से उदगमवाली यह नदी सिल्ली प्रखंड के सुदूर दुर्गम पहाड़ी इलाकों से होकर मुरी के निकट स्वर्णरेखा नदी में मिल जाती है. सालों भर इसमें पानी रहता था, पर […]

सिल्ली: सुदूर पहाड़ी इलाकों में सालों भर पानी मुहैया करानेवाली स्वर्णरेखा नदी की सहायक उरंगढ़ा नदी इस गरमी में पूरी तरह सूख गयी है. अनगड़ा क्षेत्र से उदगमवाली यह नदी सिल्ली प्रखंड के सुदूर दुर्गम पहाड़ी इलाकों से होकर मुरी के निकट स्वर्णरेखा नदी में मिल जाती है. सालों भर इसमें पानी रहता था, पर पहली बार इस गरमी में नदी पूरी तरह सूख गयी है. इसके सूखने से सिल्ली प्रखंड के बीस से भी अधिक गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा है. नहाने व पीने को तो क्या मवेशियों के लिए भी पीने का पानी नहीं है.
पहली बार सूखी नदी
घोवाटीकरा की रीना देवी, राजागोड़ा के लक्ष्मीनारायण महतो व किसान मनसा राम महतो ने कहा कि यह नदी पहली बार सूखी है. अकाल के समय में भी इससे पहले कभी इस नदी के सूखने की बात किसी के मुंह से नहीं सुनी थी.
सब्जियों का उत्पादन गिरा
नदी के किनारे खेतों में लगी सब्जियां भी पानी के अभाव में सूख रहे हैं. किसानों ने बताया कि नदी में गड्ढे खोद कर उनमें पंप लगा कर किसी तरह सब्जियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. बावजूद पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है. इस कारण सब्जी के उत्पादन को भारी नुकसान पहुंचा है. किसानों ने बताया कि एक अनुमान के मुताबिक प्रत्येक दिन 10 क्विंटल सब्जियों के उत्पादन में कमी आयी है.
पंचायत सरकार से उम्मीद
ग्रामीणों ने बताया कि हमें काफी दूर से पीने व अन्य काम के लिए पानी लाना पड़ता है. इसमें ही सारा दिन बरबाद हाे जाता है. पंचायत की सरकार पंचायत में उपलब्ध टैंकरों से पानी लाकर दे तो ही समस्या का समाधान संभव है.
जो गांव प्रभावित हुए
जामनीटांड़, बांसारुली, कांटाडीह, राजागोड़ा, धोवाटीकरा, आमटीकरा, खपचाबेड़ा, गडगांव, खेरडीह, बड़कीटांड़, खेदाडीह, केंदुआडीह, जारु, मेदनी, पिस्का, जारु, लोटा, किता, हरवाडीह, फूलटांड़, धधकीडीह, बरवादाग, जोन्हा आदि गावों के लोग जल संकट से जूझ रहे हैं.
इलाके में बोरिंग फेल
नदी के सूखने से जिन गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा है. वहां बोरिंग व चापानल भी फेल हो गये हैं. ग्रामीण अपने रोजदिन की जरूरतों के लिए पानी कहां से लायें, इसकी चिंता में दिन बीत जाता है. ऐसे में प्राकृतिक चुआं व दूर-दराज के एक कुआं ही एकमात्र विकल्प है.
लुपुंग टोला के ऊपर टोला में पानी नहीं
सिल्ली प्रखंड के लुपुंग गांव के ऊपरी इलाके में पेयजलापूर्ति विभाग का पानी नहीं पहुंचता है. गांव के लोगों ने बताया कि ऊपरी हिस्से में पिछले दो-तीन महीने से ही इलाके में पानी की आपूर्ति बंद है. इसकी शिकायत पीएचइडी विभाग से काफी पहले की जा चुकी है, लेकिन इसकी हालत आज भी वैसी ही है.

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