यह जानकारी शुक्रवार को एसीबी के एसपी आलाेक कुमार ने दी. जेल भेजने से पहले एसीबी के अधिकारियों ने उनसे काफी देर तक पूछताछ की. जब शारदानंद देव से इस बिंदु पर पूछताछ हुई कि उन्हें मुआवजा घोटाले में कितने रुपये प्राप्त हुए, तब उन्होंने अपनी संलिप्तता की बात से इनकार कर दिया. जब एसीबी के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि उनके एक्सिस बैंक के एकाउंट में 54 लाख रुपये कहां से आये, तब उन्होंने कहा कि किसी ने रुपये डाल दिये होंगे. वहीं राजीव कुमार जैन ने अपनी संलिप्तता की बात से इनकार किया है.
उल्लेखनीय है कि कोडरमा में रेल लाइन निर्माण के लिए रैयतों की भूमि का अधिग्रहण हुआ था, लेकिन रैयतों को मुआवजा देने के नाम पर उनसे पांच प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक कमीशन लिया गया था. इस काम में शारदानंद देव और राजीन कुमार का नाम भी सामने आया था. एसीबी के अधिकारियों को जांच में यह पता चला था कि नाजिर नवलेश कमीशन में मिले रुपये बैंक ऑफ इंडिया से लेकर एक्सिस बैंक पहुंचता था, जहां नवलेश से मिलने शारदानंद देव भी पहुंचते थे.
रुपये की गिनती करने के लिए एक्सिस बैंक के ब्रांच हेड को दे दिया जाता था. ब्रांच हेड अपनी सुरक्षा में रुपये की गिनती कराते. इसके बाद कमीशन के रुपये आपस में बांटे जाते थे. शारदानंद देव जिस एकाउंट में रुपये ट्रांसफर करने के लिए ब्रांच हेड को कहते, उस एकाउंट में रुपये ट्रांसफर कर दिये जाते थे.