रांची: जल संसाधन विभाग ने स्वर्ण रेखा बहुद्देशीय परियोजना के जुड़े निर्माण कार्यों में गड़बड़ी करनेवाले इंजीनियरों व ठेकेदारों पर कार्रवाई करने का फैसला किया है. पिछले दिनों परियोजना के काम की समीक्षा के दौरान मनमाने ढंग से सर्वे करने, प्राक्कलन (एस्टीमेट) बनाने और इंजीनियरों द्वारा डेविएशन व एक्सट्रा काम के नाम पर गड़बड़ी करने […]
रांची: जल संसाधन विभाग ने स्वर्ण रेखा बहुद्देशीय परियोजना के जुड़े निर्माण कार्यों में गड़बड़ी करनेवाले इंजीनियरों व ठेकेदारों पर कार्रवाई करने का फैसला किया है. पिछले दिनों परियोजना के काम की समीक्षा के दौरान मनमाने ढंग से सर्वे करने, प्राक्कलन (एस्टीमेट) बनाने और इंजीनियरों द्वारा डेविएशन व एक्सट्रा काम के नाम पर गड़बड़ी करने का मामला पकड़ में आने के बाद यह फैसला किया गया है.
परियोजना से जुड़े कार्यों की समीक्षा के दौरान यह पाया गया था कि कंसल्टेंट द्वारा सही ढंग से स्थल की जांच व सर्वेक्षण किये बिना ही रिपोर्ट तैयार की जाती है. इसी रिपोर्ट के आधार पर प्राक्कलन तैयार कर टेंडर निकाला जाता है और काम दिया जाता है. एस्टीमेट सही नहीं होने की वजह के काम के दौरान डेविएशन( विचलन) और एक्सट्रा काम के नाम पर गड़बड़ी की जाती है.
परियोजना की लागत में 20 प्रतिशत के अधिक की वृद्धि होने पर नये सिरे से प्रशासनिक स्वीकृति लेने का प्रावधान है. इस बात के मद्देनजर क्षेत्र के इंजीनियरों द्वारा प्रत्येक आइटम में 20-25 प्रतिशक तक का डेविएशन स्वीकृत किया जा रहा है, जो गलत है. किसी आइटम में दिया गया डेविएशन एस्टीमेट से एक प्रतिशत अधिक नहीं हो सकता है, लेकिन क्षेत्रीय इंजीनियर हर आइटम में 20 से 25 प्रतिशत तक की वृद्धि अपने ही स्तर से कर रहे हैं. एक ही योजना में तीन-चार डेविएशन दे रहे हैं और उसका भुगतान भी कर रहे हैं. ऐसा करने के बाद मुख्यालय को इसकी सूचना दे रहे हैं. डेविएशन की लावा परियोजना से जुड़े काम में क्षेत्र के इंजीनियरों द्वारा एक्सट्रा काम कराने के नाम पर भी भुगतान किया जा रहा है.
क्या है डेविएशन व एक्सट्रा
किसी निर्माण कार्य से जुड़े दस्तावेज में उस काम के अलग-अलग हिस्सों का विस्तृत ब्योरा रहता है. एकरारनामा के बाद ठेकेदार को काम पूरा करने के लिए दस्तावेज में लिखे हर हिस्से के काम को उसी के अनुरूप करना पड़ता है, जैसा वह लिखा होता है. कागज में लिखे गये किसी हिस्से के काम को जरूरत के मुकाबले कम बता कर उसे बढ़ाया जा सकता है. इस बढ़े हुए काम को डेविएशन के नाम से जाना जाता है. किसी निर्माण में वैसे काम को एक्सट्रा के रूप में जाना जाता है, जो काम से जुड़े दस्तावेज में पहले से नहीं लिखा हो.