रांची : सीएमपीडीअाइ ने पिछले वित्तीय वर्ष (2015-16) में पांच बिलियन टन कोयला का नया भंडार खोजा है. इसके लिए 17 जियोलॉजिकल (भू वैज्ञानिक) रिपोर्ट तैयार की गयी. यह पिछले 10 साल में सबसे अधिक है. यह जानकारी सीएमपीडीअाइ अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक शेखर शरण ने शनिवार को प्रेस को दी.
श्री शरण ने पिछले वित्तीय वर्ष की उपलब्धियों के बारे में बताया कि कंपनी ने 9.94 लाख मीटर ड्रिलिंग की. यह 2014-15 की तुलना में करीब 20 फीसदी अधिक है. 2014-15 में कंपनी का लक्ष्य 8.28 लाख मीटर ड्रिलिंग का था. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है कि कंपनी ने विभागीय स्तर पर 4.08 लाख मीटर ड्रिलिंग की़ यह पिछले साल की तुलना में करीब 14 फीसदी अधिक है. मौके पर कंपनी के निदेशक वीके सिन्हा, वीके शुक्ला व विनय दयाल के अलावा सभी महाप्रबंधक व विभागीय प्रमुख मौजूद थे.
110 कोल ब्लॉक में होगी गैस की खोज : कोल इंडिया के 110 कोल ब्लॉक में कोल बेड मिथेन (सीबीएम) और कोल माइन मिथेन की खोज की जायेगी़ इसके लिए पेट्रोलियम मंत्रालय व कोयला मंत्रालय में बात हुई है.
दोनों ने तय किया है कि यह काम कोल इंडिया करेगी. इसमें सीएमपीडीअाइ तकनीकी सहयोग करेगी. अभी झरिया के रानीगंज में इस पर काम हो रहा है. अभी अंतर मंत्रालय ग्रुप ने सात कोल ब्लॉक में गैस निकालने की अनुमति दी है. इन कोल ब्लॉकों से कोयला उत्पादन वित्तीय व तकनीकी रूप से संभव नहीं है.
जल्द ही एप लांच करेगी कंपनी :श्री शरण ने बताया कि कोयला मंत्री ने निर्देश दिया था कि कोयला कंपनियों के लिए एक एप लांच किया जाये. इसमें कंपनियों ने कितना वन क्षेत्र का उपयोग किया व कहां-कहां पौधरोपण किया, इसकी भी जानकारी रहेगी. यह काम करने की जिम्मेदारी सीएमपीडीआइ को दी गयी है.
इसे जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा.
2017 तक 15 कोल वाशरी की स्थापना होगी : सीएमडी श्री शरण ने बताया कि पर्यावरण मंत्रालय ने कहा है कि 34 फीसदी से ज्यादा राख वाले कोयले की ढुलाई 500 किलोमीटर से अधिक नहीं होनी है.
इससे कोयला कंपनियों को ढुलाई में परेशानी हो रही है. इसे देखते हुए कोयला मंत्रालय सीएमपीडीआइ की देखरेख में 15 कोल वाशरी का निर्माण करा रहा है. 2017 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है. इसके बाद लोगों को कम राख वाला कोयला उपलब्ध हो पायेगा.