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खतियान ही हो नौकरी का आधार : आजसू
रांची: सरकार की सहयोगी पार्टी आजसू ने भी स्थानीय की पहचान के लिए खतियान को ही आधार बनाने की मांग की है़ आजसू का कहना है कि राज्य और जिलास्तरीय नौकरियाें में शत-प्रतिशत नियुक्ति वैसे लोगों की ही हो, जिनका अपना या पूर्वजों के नाम जमीन, बासगीत आदि का उल्लेख पिछले सर्वे में दर्ज हो़ […]
रांची: सरकार की सहयोगी पार्टी आजसू ने भी स्थानीय की पहचान के लिए खतियान को ही आधार बनाने की मांग की है़ आजसू का कहना है कि राज्य और जिलास्तरीय नौकरियाें में शत-प्रतिशत नियुक्ति वैसे लोगों की ही हो, जिनका अपना या पूर्वजों के नाम जमीन, बासगीत आदि का उल्लेख पिछले सर्वे में दर्ज हो़ बुधवार को आजसू नेताओं ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिल कर उन्हें अपनी मांग से अवगत कराया़ सरकार को अपने फैसले मेें संशोधन करने का आग्रह किया. सरकार में शामिल मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी भी मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे थे़.
मुख्यमंत्री को सौंपे मांग पत्र में आजसू पार्टी ने कहा है कि जेपीएससी व कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में क्षेत्रीय व जनजातीय भाषाओं को महत्व देते हुए लिखित परीक्षा के साथ-साथ साक्षात्कार में अंक तय हो़ जिला स्तर पर होनेवाली नियुक्तियों में केवल उस जिले में प्रचलित क्षेत्रीय व जनजातीय भाषाओं में साक्षात्कार का प्रावधान हो़ इसके साथ ही पार्टी ने सरकारी व गैर सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में खतियानी को प्राथमिकता देने की बात कही है़ पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया है कि आदिवासी और मूलवासी की भावनाओं का आदर होना चाहिए़ उनके हक और अधिकार सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करे़ं.
कौन-कौन थे गये सीएम से मिलने : मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, विधायक राजकिशोर महतो, रामचंद्र सइस, विकास कुमार मुंडा, पार्टी नेता उमाकांत रजक, डॉ देवशरण भगत, मो हसन अंसारी, प्रभाकर तिर्की और बीके चांद .
सरकार के फैसले को अंसतुलित बताते हुए आवश्यक संशोधन की मांग की गयी है़ स्थानीय नीति से आदिवासी-मूलवासी के साथ अहित ना हो़ मुख्यमंत्री से कहा गया कि मामला संवेदनशील है़ राज्य गठन का उद्देश्य भी अन्य राज्यों से अलग है़ यह राज्य आंदोलन और बलिदान से बना है़ मुख्यमंत्री से जेपीएससी पांचवीं के परीक्षा परिणाम निरस्त करने और छठी सिविल सेवा परीक्षा के लिए फिर से आवेदन लेने की मांग की गयी है.
डॉ देवशरण भगत, प्रवक्ता, आजसू
सरकार के फैसले पर उठाया सवाल, की मांग
झारखंडियों का अहित ना हो, सुनिश्चित करें सीएम
आदिवासी- मूलवासी के लिए शत-प्रतिशत नौकरी हो आरक्षित
राज्य/जिला स्तरीय नियुक्तियों में शत प्रतिशत नियुक्ति वैसे लोगों की ही हो, जिनका राज्य/जिला के अंदर अपने या अपने पूर्वजों के नाम जमीन, बासगीत, आदि का उल्लेख पिछले सर्वे में दर्ज हो़
जेपीएससी व कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में क्षेत्रीय व जनजातीय भाषाओं (बोली)को महत्व देते हुए लिखित परीक्षा के साथ साथ साक्षात्कार में अंक निर्धारित की जाये
जिला स्तर पर नियुक्ति में उस जिले में प्रचलित क्षेत्रीय व जनजातीय भाषाओं में ही साक्षात्कार हो
सरकारी/गैर–सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में वैसे लोगों के लिए प्राथमिकता का प्रावधान हो, जिनका राज्य के अंदर अपने या अपने पूर्वजों के नाम जमीन, बासगीत का उल्लेख पिछले सर्वे रिकार्ड ऑफ राईटरो में दर्ज हो
जेपीएससी पाचवीं का रिजल्ट रद्द करें
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