रांची: गरमी के समय आग लगने की घटना ज्यादा होती है. आग लगने की छोटी सी घटना भी तुरंत बड़ा रूप ले लेती है. गरमी के दौरान अगर किसी के घर, ऑफिस या दूसरे स्थान में आग लग जाये और आग पर नियंत्रण पाने के लिए इसकी सूचना पिस्का मोड़ या आड्रे हाउस फायर स्टेशन […]
रांची: गरमी के समय आग लगने की घटना ज्यादा होती है. आग लगने की छोटी सी घटना भी तुरंत बड़ा रूप ले लेती है. गरमी के दौरान अगर किसी के घर, ऑफिस या दूसरे स्थान में आग लग जाये और आग पर नियंत्रण पाने के लिए इसकी सूचना पिस्का मोड़ या आड्रे हाउस फायर स्टेशन को दी गयी है, तो फायर ब्रिगेड की गाड़ी तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे, यह जरूरी नहीं है. दरअसल ऐसा सिर्फ इसलिए होने की आशंका है, क्योंकि फायर स्टेशन के पास आग बुझाने के लिए पानी ही नहीं है.
राजधानी में जहां एक ओर नदी-तालाब और डैम का जलस्तर कम होने से लोगों को पीने का पानी मिलने में समस्या हो रही है. वहीं इस जलसंकट का असर फायर स्टेशन पर भी पड़ने लगा है. जलस्तर घटने की वजह से नदी या तालाब से आड्रे हाउस और पिस्का मोड़ फायर स्टेशन को पानी नहीं मिल पा रहा है.
पानी लेने के लिए जाना पड़ता है डोरंडा स्टेशन : दोनों स्टेशन के लोगों को आग बुझाने के लिए पानी लेने के लिए डोरंडा स्टेशन जाना पड़ रहा है. वहां से पानी मिलने के बाद ही फायर ब्रिगेड की टीम कहीं आग बुझाने के लिए जा पाती है.
अग्निशमन विभाग के अफसरों के अनुसार शहर के आधे हिस्से अर्थात अपर बाजार, कांके रोड, कोकर, बूटी, बरियातू सहित अन्य इलाके में आग लगने की सूचना मिलने पर आगे बुझाने की जिम्मेवारी आड्रे हाउस के पास है. वहीं पिस्का मोड़ के पास भी बड़े इलाके में आग बुझाने की जिम्मेवारी है. फायर स्टेशन के पास जो गाड़ी है, उसमें एक मोटर लगा रहता है. इसके जरिये फायर ब्रिगेड की टीम पहले नदी या तालाब से पानी भर कर आग बुझाने के लिए निकल पड़ती थी. लेकिन हाल के दिनों में राजधानी के वाटर बॉडीज का जलस्तर घटने की वजह से यह संभव नहीं हो पा रहा है. वर्तमान में राजधानी में तीन हाइड्रेंट हैं. अर्थात वैसे स्थान जहां से दमकल गाड़ी में पानी भरा जाता है. यह हाइड्रेट डोरंडा स्थित फायर मुख्यालय, एयरपोर्ट और धुर्वा में है.
चार फायर स्टेशन हैं रांची में : अग्निशमन विभाग के अफसरों के अनुसार राजधानी में वर्तमान में चार फायर स्टेशन हैं. सभी स्टेशन के पास कुल मिला कर करीब 30 गाड़ियां हैं, जिनके सहारे आग बुझाने का काम किया जाता है.