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अब मरीजों से मंगायी दवा तो खतरे में पड़ेगी नाैकरी
रांची: सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच करानेवाले मरीजों के लिए बाहर से दवा खरीद कर लानेवाले कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ जायेगी. रिम्स प्रबंधन ने रेडियोलॉजी विभाग, सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच करने वाले कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिया है़ प्रबंधन के निर्देश पर सोमवार को डॉ आरके श्रीवास्तव ने सीटी स्कैन व एमआरआइ […]
रांची: सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच करानेवाले मरीजों के लिए बाहर से दवा खरीद कर लानेवाले कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ जायेगी. रिम्स प्रबंधन ने रेडियोलॉजी विभाग, सीटी स्कैन व एमआरआइ जांच करने वाले कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिया है़ प्रबंधन के निर्देश पर सोमवार को डॉ आरके श्रीवास्तव ने सीटी स्कैन व एमआरआइ सेंटर की जांच की़.
जांच के दौरान उन्होंने कर्मचारियों को निर्देश दिया कि किसी भी हाल में मरीज के परिजनों से बाहर की दवा दुकानों से दवा खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जाये. वर्ना किसी को बख्शा नहीं जायेगा. गौरतलब है कि रिम्स द्वारा जांच में उपयोग होनेवाले डाई को फ्री कर दिया गया है़ इसके बावजूद कर्मचारियों द्वारा बाहर से दवा मंगायी जाती है. इसके एवज में उन्हें कमीशन मिलता है.
रिम्स
कपूर फार्मा से मंगायी जाती है दवा
मरीज के एक परिजन ने रिम्स प्रबंधन को दवा दुकान का बिल व कर्मचारियों द्वारा दवा दुकान बताने की परची सौंपी है़ बिल बरियातू स्थित कपूर फार्मा नामक दुकान की है़ इसमें डाई के लिए 1678 रुपये भुगतान किया गया है़
रिम्स प्रबंधन की ओर से डाई दवा मुफ्त कर दी गयी है़ जांच करानेवाले सभी लोगों को दवा नि:शुल्क दिये जाने का निर्देश दिया गया है़ यह सूचना मिली है कि कर्मचारी मरीजों के परिजनों से बाहर से दवा मंगा रहे है़ कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिया गया है कि अगली बार अगर गलती हुई तो बरखास्त किये जायेंगे.
डॉ बीएल शेरवाल, निदेशक रिम्स
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