रांची : राजधानी रांची सहित राज्य के अन्य जगहों पर प्राकृतिक पर्व सरहुल बड़े धूम-धाम से मनायी गयी. इस मौके पर पहान पारंपरिक तरीके से सरना की पूजा अर्चना की. आदिवासी समाज के साथ-साथ तमाम धर्म-समुदाय के लोग इस पर्व को आज मना रहे हैं.
इस मौके पर रांची विश्वविद्यालय रांची के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर उपस्थित महिला एवं कल्याण मंत्री झारखंड सरकार डॉ लुईस मरांडी ने कहा, कि हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति आज विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुकी है. इसे हमे बचाने की जरूरत है. कार्यक्रम में रांची के सांसद श्री रामटहल चौधरी ने कहा, हमें सरहुल जैसे प्राकृतिक पर्व को संरक्षित करके रखना होगा. क्योंकि आदिवासी समुदाय ही प्रकृति के सच्चे पुजारी हैं. इसके अलावा आज राजधानी रांची में आदिवासी छात्रावास, सहित कई जगहों पर सरहुल पूजा का आयोजन किया गया.
* पहानों ने की अच्छी बारिश होने की भविष्यवाणी
सरहुल पूजा के बाद पहानों (पुजारी) ने दो घड़े में रखे पानी को देखकर भविष्यवाणी की है कि इस वर्ष अच्छी बारिश होगी. जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के पहान सोमा मुंडा ने पूजा के दौरान घड़े में रखे पानी को देखकर बताया कि इस वर्ष अच्छी बारिश होगी, हालांकि उन्होंने कहा, हमें पानी की बचत करने का आदत बनाये रखना है.
ज्ञात हो सरहुल को आदिवासी समाज नव वर्ष की तरह मनाते हैं. इस दिन पहान जो उनके पूजारी होते हैं मां सरना की पूजा करते हैं और पूजा के बाद मिट्टी के बने दो घड़े में रखे पानी को देखकर बारिश की भविष्यवाणी करते हैं.
* निकाली गयी शोभायात्रा
राजधानी रांची में सरहुल की जोरदार धूम रही. दूर-दूर से लगभग लाख की संख्या में आदिवासी भाई जुटे और शोभायात्रा निकाले. शोभायात्रा रांची के मशहूरचौकफिरायालाल तक निकाली गयी. शोभायात्रा में लोगों ने जमकर नृत्य किये.
* प्रशासन भी चौकन्ना
रांची में सरहुल की धूम को लेकर प्रशासन भी चौकन्ना था. लोगों को कहीं दिक्कत न हो इसके लिए प्रशासन ने पहले से ही तैयारी कर ली थी. शोभायात्रा को लेकर प्रशासन ने कई रूट में बदलाव किये. जिससे आने-जाने वालों को खासा परेशानियों को सामना करना पड़ा.