रांची: कई जिलों के उपायुक्त गरीबों को अनाज उपलब्ध कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं. नतीजतन कई जिलों में अतिरिक्त बीपीएल परिवारों को गत चार माह (सितंबर) से अनाज नहीं मिला है. मिली जानकारी के अनुसार नवंबर-दिसंबर में अनाज का उठाव कर सभी जिलों को उपलब्ध कराया गया, लेकिन इसका वितरण नहीं किया गया.
लगभग 47 हजार टन अनाज का वितरण नहीं हुआ है. राज्य के सभी जिलों के कुल 11.15 लाख अतिरिक्त बीपीएल परिवारों के लिए सितंबर-13 से मार्च-14 तक अनाज देने संबंधी निर्देश दिया गया था. एक रु प्रति किलो की दर से प्रति परिवार प्रति माह 21 किलो अनाज देना है. इन परिवारों के लिए केंद्र ने प्रति माह कुल 23432.5 टन चावल आवंटित किया है. केंद्र की चिट्ठी में जिक्र है कि यह आवंटन राज्य में खाद्य सुरक्षा अधिनियम-13 के लागू होने तक प्रभावी रहेगा. दरअसल राज्य के 11.15 लाख अतिरिक्त बीपीएल परिवारों को गत चार माह से अनाज नहीं मिला है. पहले दो माह (सितंबर-अक्तूबर) का अनाज विभागीय अफसरों की गलती के कारण नहीं मिला.
समय सीमा बीत जाने के बाद उक्त माह के लिए अनाज आवंटन का अनुरोध केंद्र से पुन: किया गया. अभी इसकी सहमति नहीं मिली है. दरअसल पूर्व विभागीय सचिव ने अनाज आवंटन की चिट्ठी तीन अक्तूबर को ही जारी की थी, लेकिन बाबुओं की गलती से यह चिट्ठी 27 अक्तूबर तक दबी रही. इसकी सूचना राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) व भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) को नहीं दी जा सकी. इससे अनाज उठाव की अंतिम तिथि सात नवंबर गुजर गयी तथा अनाज का उठाव नहीं हो सका.