पुलिस अधिकारियों के अनुसार युवकाें को बहला-फुसला कर संगठन में शामिल करने की जिम्मेवारी राजकुमार को दी गयी है. वही युवकों को पीएलएफआइ के जोनल कमांडर जीदन गुड़िया से संपर्क कराता है. राजकुमार पहले क्या करता था. वर्तमान में वह कहां रहता है. पुलिस इसकी जानकारी एकत्रित कर रही है.
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पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप ने तैयार किये 50 से अधिक नये कैडर
रांची : झारखंड के वैसे क्षेत्र जहां हाल के दिनों में नक्सली कमजोर हुए हैं. इसके अलावा पूर्व में जहां पीएलएफआइ उग्रवादियों की गतिविधियां में कमी आयी थी. उन इलाके में चल रही विकास योजनाओं और दूसरे निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार से लेवी वसूलने के लिए पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप ने 50 से अधिक […]
रांची : झारखंड के वैसे क्षेत्र जहां हाल के दिनों में नक्सली कमजोर हुए हैं. इसके अलावा पूर्व में जहां पीएलएफआइ उग्रवादियों की गतिविधियां में कमी आयी थी. उन इलाके में चल रही विकास योजनाओं और दूसरे निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार से लेवी वसूलने के लिए पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप ने 50 से अधिक नये कैडर तैयार किया है. नये कैडर को नया नाम भी दिया है. उन्हें गुमला जिले बानो जंगल में ट्रेनिंग दी गयी. ट्रेनिंग देने के बाद सभी को अलग-अलग क्षेत्र की जिम्मेवारी सौंप दी गयी है. इस बात का खुलासा हाल में गिरफ्तार उग्रवादियों ने पुलिस के समक्ष किया है. एक पुलिस अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है.
पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों पीएलएफआइ संगठन को मजबूत बनाने के लिए वैसे युवकों को टारगेट कर रहे हैं, जिनका पहले से आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. जिनकी गतिविधियां पहले से संदिग्ध रही हो या तो पहले नक्सली संगठन के लिए काम करते थे, लेकिन वर्तमान में सुधार चुके हैं.
ट्रेनिंग के बाद इन क्षेत्रों में भेजा गया : खूंटी जिला के अड़की, मुरहू व कर्रा, गुमला जिले के बानो और रांची जिले के नगड़ी, बुंडू, तमाड़, सिल्ली अनगड़ा, नामकुम, तुपुदाना व बेड़ाे.
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