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किसानों को नहीं मिल पाया डीजल सब्सिडी का लाभ, सूखा राहत का पैसा सरेंडर
रांची: सूखा राहत के लिए तय डीजल सब्सिडी का लाभ किसानों को नहीं मिल पाया. पैसा सरेंडर हो गया. अब सभी जिलों से पैसा वापस करने को कहा जा रहा है. डीजल सब्सिडी मद में 10 करोड़ रुपये अनुदान पर खर्च किये जाने थे. इसका राज्यादेश भी निकल चुका था. 31 मार्च को पैसा निकाल […]
रांची: सूखा राहत के लिए तय डीजल सब्सिडी का लाभ किसानों को नहीं मिल पाया. पैसा सरेंडर हो गया. अब सभी जिलों से पैसा वापस करने को कहा जा रहा है. डीजल सब्सिडी मद में 10 करोड़ रुपये अनुदान पर खर्च किये जाने थे. इसका राज्यादेश भी निकल चुका था. 31 मार्च को पैसा निकाल कर जिलों में भेजा गया, लेकिन वहां इससे संंबंधित लाभुक नहीं होने के कारण पैसा वापस करना पड़ रहा है. यह राशि राज्य सरकार ने विशेष परिस्थित में आकस्मिक निधि से ली थी. 2015-16 के खरीफ मौसम में सूखा पड़ जाने के कारण राज्य सरकार ने इस पैसे से किसानों को डीजल पर सब्सिडी देने का निर्णय लिया था.
रबी में दिया जाना था अनुदान : राज्य सरकार ने रबी के मौसम में किसानों को सभी 24 जिलों में डीजल पर सब्सिडी देने की घोषणा की थी. इसके तहत किसानों को अधिकतम प्रति हेक्टेयर 1500 (50 फीसदी अनुदान) रुपये दिये जाने थे. किसानों को गेहूं के लिए तीन सिंचाई तथा अन्य फसलों के लिए दो सिंचाई की सुविधा दी जानी थी. किसानों को अधिकतम दो हेक्टेयर में यह सुविधा मिलनी थी.
समय सीमा भी तय की गयी थी : सरकार ने निकाले गये राज्यादेश में सब्सिडी का लाभ देने की समय सीमा भी तय कर दी थी. इसमें आवेदन आने के 15 दिन के अंदर राशि जमा कर देने का आदेश था. प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी तथा जनसेवकों को माह की 15 तारीख तक आवेदनों को बीडीओ के पास भेजना था. 15 से 30 तारीख के बीच प्राप्त आवेदन को सत्यापित कर बीडीओ को भुगतान की प्रक्रिया सुनिश्चित करनी थी. राशि किसानों के खाते में देना था.
बनायी गयी थी निगरानी समिति : इसके लिए सरकार ने पंचायत से लेकर जिला तक अनुश्रवण सह निगरानी समिति भी बनायी थी. पंचायत स्तर पर मुखिया इसके अध्यक्ष थे. नगर स्तर पर तय समिति के अध्यक्ष नगर निगम के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष थे. जिला स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी उप विकास आयुक्त को दी गयी थी.
पैसा जिलों को भेज दिया गया था. जहां किसानों ने आवेदन किया होगा, वहां पैसा मिल जायेगा. अगर किसानों को पैसा नहीं मिल पाया होगा, तो चालू वित्तीय वर्ष में उनको राहत देने की कोशिश होगी. सरकार किसानों के हित को लेकर गंभीर है. इससे पूर्व किसानों को सूखा राहत से अन्य अनुदान दिये जा रहे हैं.
रणधीर कुमार सिंह, कृषि मंत्री
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