उन्होंने कहा कि एकल विद्यालय के निकटवर्ती गांवों में साप्ताहिक सत्संग शुरू कर एकल विकास केंद्र स्थापित किया जायेगा. हरिकथा योजना के संबंध में उन्होंने कहा कि गत 20 वर्षों में एक बहुत बड़ा वर्ग आचार्य कथाकारों के रूप में विकसित हो गया है. सभी केंद्रों पर संध्या भजन अौर कथा के कार्यक्रम रखे जाने की योजना है. डिजीटल इंडिया की तर्ज पर डिजीटल एकल का प्रयास शुरू हो गया है. एकल विद्यार्थियों को कंप्यूटर के प्रति समझ बढ़ाने की कोशिश की जा रही है.
अभियान के सेवा व्रतियों को लैपटॉप, टैबलेट व आइ पैड दिये जा रहे हैं. बहुत जल्दी सभी अंचल कार्यालय में कंप्यूटर लगा दिया जायेगा. इससे पूर्व एकल संस्थान रांची के अध्यक्ष प्रो सुरेश प्रसाद सिंह ने भी अपने विचार रखें. इससे पूर्व श्याम गुप्त, सुरेश प्रसाद सिंह, ज्ञान प्रकाश जालान, विनोद पोद्दार व बजरंग लाल बागड़ा का स्वागत किया गया. इस दौरान एकल संस्थान के कार्यों पर आधारित फिल्म का भी प्रदर्शन हुआ. कार्यक्रम में विनोद गढ़याण, बीना श्रीवास्तव, सुनीता महनसरिया, उषा जालान, अरुण खेमका, रेखा जैन सहित अन्य उपस्थित थे.