रांची: एक जनवरी 2014 से झारखंड राज्य बिजली बोर्ड(जेएसइबी) का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा. इसकी जगह चार नयी कंपनियां काम करने लगेंगी. सरकार के स्तर पर चारों कंपनियों के गठन की सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है.
28 दिसंबर को जेएसइबी बोर्ड की अंतिम बैठक होगी. जिसमें सारे लंबित मामलों का निष्पादन हो जायेगा. इसके बाद 29 दिसंबर को कर्मचारियों के साथ त्रिपक्षीय समझौता होगा, जिसमें सरकार कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा की गारंटी लेगी. 30 दिसंबर को कैबिनेट में बंटवारे से संबंधित प्रस्ताव आयेगा और 31 दिसंबर को बंटवारे की अधिसूचना ऊर्जा विभाग द्वारा जारी कर दी जायेगी. चारों कंपनियों के निदेशक मंडल की नियुक्ति जून 2013 में ही कर ली गयी थी. विभागीय सूत्रों ने बताया कि अब केवल औपचारिकता शेष है.
कर्मचारी सहमत
23 दिसंबर को ऊर्जा मंत्री राजेंद्र सिंह के साथ हुई बैठक में सेवा शर्त्त की गारंटी लेने की स्थिति में कर्मचारी संगठनों ने बंटवारे पर सहमति दे दी है. इसके साथ ही बंटवारे का मार्ग प्रशस्त हो गया है. 29 दिसंबर को कर्मचारी संगठनों द्वारा त्रिपक्षीय समझौता पर हस्ताक्षर कर दिये जायेंगे.
28 बार टल चुका है बंटवारा
बिजली बोर्ड का बंटवारा वर्ष 2003 से ही टाला जा रहा है. केंद्रीय विद्युत अधिनियम 2003 के तहत सभी बिजली बोर्ड को बांट कर अलग-अलग कंपनी बनाने का प्रावधान किया गया है. केवल झारखंड में ही बिजली बोर्ड का बंटवारा अब तक नहीं हो सका था. केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर 2013 तक हर हालत में बंटवारा करने, अन्यथा 3900 करोड़ रुपये की राशि रोकने की चेतावनी दी थी. बंटवारा टलने की स्थिति में झारखंड को बिजली विकास के मद में यह राशि नहीं मिल पाती.