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क्राइम कंट्रोल के लिए तैनात होंगे सैप के जवान
रांची: राजधानी और आसपास के इलाके में स्थित टीओपी में जल्द ही क्राइम कंट्रोल के लिए सैप के जवान तैनात होंगे. इस दिशा में डीजीपी डीके पांडेय और रांची एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने पहल शुरू कर दी है. रांची पुलिस को सैप के 20 जवान मिले हैं. उन्हें पुलिस के साथ समन्वय बनाकर क्राइम कंट्रोल […]
रांची: राजधानी और आसपास के इलाके में स्थित टीओपी में जल्द ही क्राइम कंट्रोल के लिए सैप के जवान तैनात होंगे. इस दिशा में डीजीपी डीके पांडेय और रांची एसएसपी कुलदीप द्विवेदी ने पहल शुरू कर दी है. रांची पुलिस को सैप के 20 जवान मिले हैं. उन्हें पुलिस के साथ समन्वय बनाकर क्राइम कंट्रोल के लिए कैसे काम करना है, इसके लिए सभी को जल्द ही ट्रेनिंग दी जायेगी. ट्रेनिंग के बाद सभी को हटिया के भुसूर स्थित निर्माणाधीन टीओपी में प्रयोग के तौर पर जल्द ही तैनात किया जायेगा. क्राइम कंट्रोल में सैप के जवानों के सफल होने के बाद राजधानी और आसपास के टीओपी में उनकी तैनाती पर निर्णय लिया जायेगा.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार ग्रामीण थाना क्षेत्र में जिस तरह चौकीदार क्राइम कंट्रोल से लेकर पुलिस को सूचना देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, उसी तरह शहरी थाना क्षेत्र में यह काम टीओपी में तैनात हवलदार या दूसरे सिपाही पहले करते थे. वर्तमान में राजधानी के अधिकांश टीओपी में पुलिस बल नहीं है. इस वजह से अधिकांश टीओपी कोई काम का नहीं रहा गया है. टीओपी को फिर से सुदृढ़ किया जा सके. पुलिस का सूचना तंत्र मजबूत बनाया सके. क्राइम कंट्रोल में टीओपी में तैनात लोगों की भूमिका भी हो. इस वजह से सैप के जवानों की तैनाती पर विचार किया जा रहा है.
सीआइडी के अधिकारी देंगे प्रशिक्षण : पुलिस अधिकारियों के अनुसार टीओपी में प्रतिनयुक्ति के बाद सैप के जवानों को कैसे काम करना है, इसकी ट्रेनिंग सीआइडी के अधिकारी देंगे. सैप के जवानों को ट्रेनिंग देने के लिए 24 अप्रैल को पुलिस कंट्रोल रूम में बुलाया गया था. सीआइडी के अधिकारी भी वहां ट्रेनिंग देने के लिए पहुंचे थे, लेकिन होली की छुट्टी होने की वजह से सैप के जवान ट्रेनिंग लेने के लिए नहीं पहुंच सके. इस वजह से अब सभी को दोबारा ट्रेनिंग के लिए फिर से बुलाने पर विचार किया जा रहा है.
जवानों की तैनाती के पीछे क्या है उद्देश्य
पुलिस अधिकारियों के अनुसार सैप में वैसे जवान हैं, जो सेना से सेवानिवृत्त या वीआरएस ले चुके हैं. उनके काम करने का तरीका भी पुलिस से अलग हैं. स्थानीय लोग पुलिस को उनके काम में प्रभावित करते हैं, लेकिन सैप के जवानों पर स्थानीय किसी दबाव का प्रभाव नहीं होगा. इस वजह से वे पुलिस के लिए स्थानीय क्राइम कंट्रोल में बेहतर साबित हो सकते हैं. इसके अलावा सैप के जवानों से स्थानीय पुलिस के जवानों को भी कुछ सीखने का मौका मिलेगा.
क्या करना होगा सैप के जवानों को
सैप के जवान एक-चार की संख्या में हमेशा गश्ती में रहेंगे, ताकि इलाके में कोई घटना न हो. अगर कोई घटना हो, तो अपराधी के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जा सके. गश्ती के लिए उन्हें सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जायेंगी. गश्ती के दौरान उनका काम लोगों की गतिविधियों पर निगरानी रखना होगा. इलाके में कौन अपराधी क्या कर रहा है, किसकी गतिविधि क्या है, इसके बारे में भी जानकारी एकत्र कर पुलिस को इस बात की सूचना देनी होगी.
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