Advertisement
बीज आपूर्ति किये बिना ही तीन करोड़ रुपये का किया भुगतान
कृषि विभाग ने संस्था को 1843 रुपये क्विंटल की दर से भुगतान किया मनोज सिंह रांची : जिला कृषि कार्यालय गिरिडीह में 2013-14 से 2015-16 तक हुए खर्च में से 10.60 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं मिल रहा है. जिला कृषि कार्यालय के अधिकारियों ने इससे संबंधित कोई प्रमाण महालेखाकार की टीम को नहीं प्रस्तुत […]
कृषि विभाग ने संस्था को 1843 रुपये क्विंटल की दर से भुगतान किया
मनोज सिंह
रांची : जिला कृषि कार्यालय गिरिडीह में 2013-14 से 2015-16 तक हुए खर्च में से 10.60 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं मिल रहा है. जिला कृषि कार्यालय के अधिकारियों ने इससे संबंधित कोई प्रमाण महालेखाकार की टीम को नहीं प्रस्तुत किया. जिला कृषि कार्यालय ने नवाडीह कृषक सेवा स्वावलंबी सरकारी समिति लिमिटेड को अनियमित रूप से तीन करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान कर दिया.
ज्ञात हो कि 2011-12 में उक्त संस्था को 16609 क्विंटल बीज की आपूर्ति करनी थी, लेकिन आपूर्ति के बगैर ही कृषि विभाग ने संस्था को 1843 रुपये प्रति क्विंटल की दर से लगभग तीन करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था. वहीं 2011-12 में दिये गये आदेश के आलोक में संस्था ने 16500 क्विंटल बीज की आपूर्ति 2012-13 में विभाग को कर दी़ इस वर्ष धान बीज की कीमत 2100 रुपये क्विंटल हो गयी.
2011-12 के आपूर्ति आदेश पर संस्था को नयी दर से भुगतान कर दिया गया. अंकेक्षण टीम ने माना है कि पूर्व में बगैर धान वितरण के अनियमित रूप से तीन करोड़ का भुगतान कर दिया था.
इसकी जानकारी महालेखाकार ने कृषि, सहकारिता व पशुपालन विभाग के सचिव को दी है. इसी संस्था को 2012 में रबी अनुदान के रूप में विभाग ने 1़ 50 लाख के एवज में मात्र 53 हजार रुपये का ही भुगतान किया था. इसकी शिकायत संस्था ने तत्कालीन निदेशक से भी की थी. तब वहां कृषि पदाधिकारी विजय कुमार थे. वह अभी मुख्यालय में पदस्थापित हैं.
62.42 लाख का संदेहास्पद व्यय
अंकेक्षण टीम ने पाया कि 2014-15 में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पूर्वी भारत में चलायी जा रही हरित क्रांति विकास योजना के तहत जिले को 62.56 लाख रुपये दिये गये थे. इसमें 62.42 लाख रुपये खर्च दिखाया गया है. इस राशि से आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाना था, लेकिन जांच टीम को इसके खर्च से संबंधित कागजात नहीं दिये गये. इसी तरह 24.31 लाख रुपये की लागत से 100 एमटी क्षमता का एक गोदाम व मार्केटिंग शेड का निर्माण किया जाना था. यह काम हुआ या नहीं, इसकी कोई जानकारी जिला कृषि कार्यालय को नहीं है़
वर्मी कम्पोस्ट पर हुए खर्च का भी हिसाब नहीं
वर्मी कम्पोस्ट योजना पर खर्च किये गये 12.33लाख रुपये का हिसाब भी अंकेक्षण टीम को नहीं मिला. इसके लाभुकों की सूची भी उपलब्ध नहीं करायी गयी. बीजोपचार योजना के लिए जिला कृषि कार्यालय को करीब 28 लाख रुपये दिये गये थे. इसके तहत सभी पंचायतों में 20 किलोग्राम का एक ड्रम कृषक मित्रों को नि:शुल्क देना था, लेकिन कृषक मित्रों को कब और कितने ड्रम उपलब्ध कराये गये, इसकी भी जानकारी जिला कार्यालय को नहीं है़
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement