इसे लेकर ग्रामीणों के साथ शुक्रवार को जीतपुर गांव में बैठक हुई. इस दौरान श्री यादव ने प्रभावित रैयतों से कहा कि सरकार ने अडाणी को जिस तरह कौड़ी के भाव जमीन दी है, वह सही नहीं है. सरकार के निर्णय के खिलाफ अब आंदोलन किया जायेगा.
श्री यादव ने कहा कि दिल्ली के चहेते नेताओं के साथ अडाणी को लाभ देने के लिए राज्य में मसौदा तैयार किया गया. स्टांप एक्ट तहत 2012 में तत्कालीन डीसी ने जिले में जमीन की दर 41 लाख प्रति एकड़ तय की थी. उस हिसाब से आज रैयतों को चार गुना यानी 1 करोड़ 64 लाख रुपये प्रति एकड़ मिलते. इस बीच बड़ा खेल हुआ. नयी दर का निर्धारण कर जमीन की कीमत प्रति एकड़ 13 लाख रुपये कर दी गयी. इसका हर स्तर पर विरोध किया जायेगा.