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अंतिम निर्णय होने तक नहीं बढ़ेगा स्कूल बस भाड़ा

रांची : निजी स्कूलों में बस भाड़ा बढ़ाने व बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने को लेकर शनिवार को जेट के निर्देश पर गठित स्कूल बस फी रेगुलेशन कमेटी की बैठक उपायुक्त मनोज कुमार की अध्यक्षता में हुई. बैठक में कई निर्णय लिये गये. साथ ही विद्यालय प्रबंधनों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये. कहा गया […]

रांची : निजी स्कूलों में बस भाड़ा बढ़ाने व बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने को लेकर शनिवार को जेट के निर्देश पर गठित स्कूल बस फी रेगुलेशन कमेटी की बैठक उपायुक्त मनोज कुमार की अध्यक्षता में हुई. बैठक में कई निर्णय लिये गये. साथ ही विद्यालय प्रबंधनों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये. कहा गया कि आठ स्कूल प्रबंधनों ने भाड़ा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, जो अधूरा है.
भाड़ा बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव का आैचित्य बताते हुए विहित प्रपत्र में 10 दिन के अंदर (31 मार्च तक) देने का निर्देश दिया गया. कहा गया कि निर्धारित समय सीमा के अंदर जो निजी विद्यालय प्रस्ताव नहीं देते है, तो कमेटी यह मान लेगी की उन्हें बस भाड़ा नहीं बढ़ाना है.
तब तक कोई भी विद्यालय प्रबंधन बस भाड़ा नहीं बढ़ायेगा, जब तक की कमेटी अंतिम निर्णय नहीं ले लेती है. प्रबंधनों को निर्देश दिया गया कि वित्तीय वर्ष 2012-2013, 2013-2014 व 2014-2015 का स्कूल का अॉडिट सर्टिफिकेट, बैलेंश सीट व अभिभावकों के मंतव्य के साथ जिला परिवहन पदाधिकारी के पास समर्पित किया जाये. आइसीएसइ बोर्ड से संबद्ध विद्यालय के प्राचार्य संत जेवियर स्कूल डोरंडा, सीबीएसइ बोर्ड से संबद्ध विद्यालय डीपीएस व डीएवी ग्रुप के विद्यालय के प्राचार्य को डीएवी हेहल के प्राचार्य के पास वांछित प्रतिवेदन व दस्तावेज जमा करेंगे. इसे सुनिश्चित कराने की जिम्मेवारी डीएसइ को दी गयी.
डीएसइ ने कहा कि 15 प्रतिशत से अधिक भाड़े में वृद्धि नहीं की जा सकती है. वहीं विद्यालयों से प्राप्त प्रतिवेदन की समीक्षा कर समेकित प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए उप समिति का गठन किया गया. उप समिति में डीटीअो, अजय राय, संत जेवियर के प्राचार्य व चाटर्ड एकाउंटेंट रंजीत गडोदिया को सदस्य बनाया गया है.
आउटसोर्सिंग से ली गयी बसों के एग्रीमेंट की प्रति उप समिति को उपलब्ध कराने काे कहा गया. समीक्षा के बाद इसे सभी विद्यालयों को लागू करना होगा. उपायुक्त ने बच्चों की सुरक्षा के लिए बसों में जीपीएस सिस्टम, सीसीटीवी कैमरा तथा स्कूलों में ब्रेथ एनलाइजर लगाने, बस स्टाफ के लिए नेम प्लेट के साथ यूनिफार्म पहनने को अनिवार्य बनाने, भीड़-भाड़ वाले बस स्टॉप पर बच्चों को समुचित तरीके से उतारने-चढ़ाने के लिए हेड कांस्टेबल की प्रतिनियुक्ति, एक अप्रैल से सभी बसों में स्पीड गवर्नर लगाने व बच्चों को बस की पिछले दरवाजे से चढ़ाने व आगे के दरवाजे से उतारने, स्कूलों में किसी भी परिस्थिति में 15 वर्ष से अधिक पुरानी बसों का परिचालन नहीं करने, विद्यालय में पढ़ायी जानेवाली पुस्तकों की सूची कक्षा प्रारंभ होने के 15 दिनों के पहले विद्यालय की वेबसाइट पर डालने का निर्देश दिया.
संत जेवियर के प्राचार्य फादर खेस ने बताया कि वर्तमान में बस में सिर्फ आगे एक गेट रहता है. इस पर उपायुक्त ने डीटीअो को बस बनानेवाली कंपनी को पत्र लिखने का निर्देश दिया, ताकि कंपनी दो दरवाजावाली बस का निर्माण कर सके. उपायुक्त ने नियमों का अनुपालन नहीं करनेवाले विद्यालयों की मान्यता रद्द करने की अनुशंसा करने की चेतावनी दी.
बैठक में जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीअो) नागेंद्र पासवान, डीएसइ जयंत कुमार मिश्रा, डीपीएस के प्राचार्य डाॅ राम सिंह, संत स्कूल के प्राचार्य फादर अजीत खेस, अभिभावक प्रतिनिधि अभिभावक मंच के महासचिव अजय राय उपस्थित थे.

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