रांची : सदन मेें हो-हल्ला, नारेबाजी और हंसी-ठिठोली के बीच एक संशोधन विधेयक और चार मूल विधेयक पारित कराये गये़ सरकार ने विधानसभा के माध्यम से अपना काम पूरा कर लिया़ पांच महत्वपूर्ण विधेयकों पर सदन में चर्चा नहीं हुई़ पक्ष-विपक्ष की ओर से कोई सुझाव नहीं आये़ विधानसभा में कानून पास कराये जा रहे थे़ वहीं विधायक नारा लगाने और हंसी-मजाक में व्यस्त रहे़ सभी विधेयक शिक्षा विभाग से जुड़े थे़ विश्वविद्यालय और निजी विश्वविद्यालय से संबंधित विधेयक सभा पटल पर आये, लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं बन पायी़ विधेयक की खामियों और खूबियों को जाने बिना माननीयों ने विधेयक पास कर दिया़ पिछले चार दिनों की तरह शुक्रवार को भी सदन की कार्यवाही शुरू होते ही झामुमो ने स्थानीयता का मामला उठा दिया़ झामुमो विधायक वेल में घुस गये,तो सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी देरी नहीं की़ पक्ष-विपक्ष के बीच नारेबाजी और पोस्टर का प्रदर्शन शुरू हुआ़ एक-दूसरे के विरोध में नारे लगने लगे.
स्थानीय नीति बनाने की मांग लेकर सत्र के आखिरी दिन झामुमो विधायक मार्च करते हुए विधानसभा पहुंचे़ झामुमो के सभी विधायक हेमंत सोरेन के नेतृत्व में विधानसभा के मुख्य द्वार से बैनर के साथ नारेबाजी करते हुए विधानसभा परिसर में प्रवेश किये. झामुमो विधायकों के साथ कांग्रेस के इरफान अंसारी और बादल पत्रलेख भी थे़ झामुमो विधायकों का मार्च देख सुरक्षा कर्मी भौंचक रह गये. पहले तो विधानसभा का मुख्यद्वार बंद किया गया, लेकिन विधायकों के दबाव के बाद उसे खोला गया़ विधायकों के साथ उनके कुछ समर्थक भी विधानसभा परिसर में घुस गये़ पुलिस उन्हें नहीं रोक पायी़ विधायक आवास के पहलेवाले गेट से विधायक के प्रवेश करने के बाद अंदर के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया गया़ परिसर के अंदर ही विधायकों से बैनर जब्त कर लिये गये़ झामुमो विधायक आदिवासी-मूलवासी विरोधी सरकार होश में आओ, लड़ के लिए लिया झारखंड, लड़ के लेंगे अधिकार, स्थानीय नीति लागू करना होगा का नारा लगाते विधायक विधानसभा भवन तक पहुंचे़ प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन और स्टीफन मरांडी विधायकोें के मार्च का नेतृत्व कर रहे थे़.
अडाणी पावर के लिए बंटने लगा मुआवजा : प्रदीप यादव
विधानसभा में उठाया गया मामला
रांची: झाविमो विधायक प्रदीप यादव ने विधानसभा में अडाणी पावर के लिए गोड्डा के सुंदर पहाड़ी अंचल में अधिग्रहित जमीन पर गलत तरीके से मुअावजा बांटे जाने का मामला उठाया़ श्री यादव ने हो-हल्ला के बीच कहा कि विधानसभा में मामला आने के बाद संताल परगना में जमीन की दर निर्धारित करने के लिए सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनायी है़ ऐसे में बिना जमीन की दर निर्धारित किये हुए गरीब रैयतों को घटी हुई दर पर अवार्ड घोषित कर दलालों के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है़
श्री यादव ने कहा कि 351 रैयतों के खाते में पैसा स्थानांतरित किया गया है़ इसमें पहाड़िया आदिवासियों को भी कम दर पर पैसा दिया जा रहा है़ सदन के बाहर श्री यादव ने कहा कि अडाणी ग्रुप को गलत तरीके से लाभ पहुंचाने के लिए यह सब कुछ किया जा रहा है़ केवल आइवाश के लिए कमेटी बनायी गयी है़ किसानों और गरीबों से चेहरा बचाने के लिए सरकार ने यह सब कुछ किया है़.
झाविमो विधायक ने कहा कि सबसे पहले सरकार किसानों को ठगने के लिए तैयार अवार्ड को रद्द करे़ इससे एक-एक किसान को एक करोड़ से 50 लाख रुपये तक का नुकसान हो रहा है़ श्री यादव ने बताया है कि 146़ 6 एकड़ जमीन के एवज में पांच गांव के रैयतों को मुआवजा अवार्ड किया गया है़ यह सरासर गलत है़.
जनप्रतिनिधियों से बात नहीं कर रही है कमेटी
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि संताल परगना में जमीन दर का निर्धारण करने वाली कमेटी दुमका गयी है़ सदन की कार्यवाही चल रही है़ ऐसे में जनप्रतिनिधि अपना सुझाव कैसे देंगे़ कमेटी इस मामले में जनप्रतिनिधियों से बात नहीं करना चाहती है़ यह सही नहीं है़