रांचीः आइटी के उपयोग से प्रशासन व सेवा को बेहतर बनाने के लिए आइटी और गवर्नेस क्षेत्र में देश के माने हुए विशेषज्ञों ने दो दिनों तक विस्तार से चर्चा की. झारखंड इनोवेशन कंसल्टेशन के नाम से आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि सरकारी सेवाओं में आधार, कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल कर कैसे क्रांति लायी जा सकती है. आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से सरकारी योजनाओं में फरजीवाड़ा और चोरी पर लगाम लगाने, पंचायतों को मजबूत बनाने, सरकारी राशन दुकानों में कालाबाजारी बंद कराने, पेंशन स्कीम का लाभ सही लाभुकों को दिये जाने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई.
विशेषज्ञों ने अलग-अलग देशों और राज्यों में तकनीक का इनोवेटिव इस्तेमाल कर लिये जा रहे फायदों के बारे में बताया. सरकार के पास मौजूद आंकड़ों को सोने की खान का दरजा देते हुए विशेषज्ञों ने इसे जनता के सामने पारदर्शिता और सुशासन लाने का सबसे बड़ा जरिया बताया. इन आंकड़ों का उपयोग कर विकसित राज्यों ने प्लानिंग की. एजुकेशन और पीडीएस (पब्लिक डिलिवरी सिस्टम)को सुचारु किया. विशेषज्ञों ने आधार को व्यक्ति की पहचान बता कर उसे तकनीक से जोड़ते हुए सुनहरे भविष्य का खाका खींचा. पंचयतों में बेहतर सेवा देने, बॉयोमेट्रिक्स सिस्टम से होने वाले लाभ, इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम के उपयोग से सेवा प्रणाली को बेहतर बनाने पर महत्वपूर्ण सुझाव दिये गये.
योजना विभाग, सेंटर फॉर इनोवेशन इन पब्लिक सिस्टम और आइटी विभाग की ओर से आयोजित कार्यशाला के अंतिम दिन प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने देश के विभिन्न हिस्सों से आये अतिथियों का स्वागत किया. झारखंड के मुख्य सचिव आरएस शर्मा, ओपेन सोर्स और इनोवेशन के मामले में काम करने वाली भारत सरकार की संस्था डिटी के निदेशक गौरव द्विवेदी, एनआइसी के दीपक चंद और रामा हरिहरण, यूआइडीएआइ के चीफ आर्किटेक्ट प्रमोद कुमार वर्मा, कपिल कांत, डी नायक, डॉ प्रवीण झा समेत अन्य विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे. कार्यशाला के दौरान योजना विभाग के प्रधान सचिव डीके तिवारी समेत कई अन्य वरीय अधिकारी भी मौजूद थे.