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स्टील प्लांट लगायेगा आर्सेलर मित्तल
पहल. द्वितीय चरण के एमओयू प्रस्ताव को राज्य सरकार ने दी मंजूरी आर्सेलर मित्तल के सेकेंड स्टेज एमओयू प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद राज्य में कंपनी के 40 हजार करोड़ के निवेश से 10 मिलियन टन क्षमतावाले स्टील प्लांट लगने का रास्ता लगभग साफ हो गया है. हाइपावर कमेटी से भी द्वितीय चरण के […]
पहल. द्वितीय चरण के एमओयू प्रस्ताव को राज्य सरकार ने दी मंजूरी
आर्सेलर मित्तल के सेकेंड स्टेज एमओयू प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद राज्य में कंपनी के 40 हजार करोड़ के निवेश से 10 मिलियन टन क्षमतावाले स्टील प्लांट लगने का रास्ता लगभग साफ हो गया है. हाइपावर कमेटी से भी द्वितीय चरण के एमओयू प्रस्ताव मंजूर हो चुकी है.
सुनील चौधरी
रांची : सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार चाहती है कि कंपनी प्लांट लगाये. सरकार हर संभव सहयोग करेगी. आर्सेलर मित्तल ने झारखंड में 40 हजार करोड़ की लागत से 10 मिलियन टन का स्टील प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया है. वर्ष 2006 में ही कंपनी ने राज्य सरकार के साथ एमओयू किया था. तब से ही कंपनी उद्योग लगाने के लिए प्रयासरत है, पर अब तक सफलता नहीं मिली है.
शुरुआत में कंपनी ने खूंटी व सिमडेगा में प्लांट लगाने के लिए जगह का चयन किया था, पर स्थानीय लोगों के विरोध के चलते कंपनी ने अपना साइट बदल दिया. अब कंपनी पेटरवार में प्लांट लगाना चाहती है. प्लांट लगाने के लिए कंपनी को कम से कम छह हजार एकड़ जमीन की जरूरत है, लेकिन कंपनी अब तक केवल तीन एकड़ भूमि ही खरीद सकी है. कंपनी सरकार से भूमि की मांग कर रही है.
हालांकि वर्ष 2010 से ही कंपनी का प्रस्ताव लंबित है. इस दौरान मित्तल के एमओयू की अवधि भी समाप्त हो गयी थी. अब कंपनी ने नयी उद्योग नीति के तहत सेकेंड स्टेज एमओयू का प्रस्ताव दिया है. इसकी मंजूरी मिल गयी है. उधर, कंपनी को आवंटित करमपदा लौह अयस्क के लिए वर्तमान सरकार ने प्रोसपेक्टिंग लाइसेंस की अनुमति दे दी है.
आयरन ओर की मंजूरी मिलने के बाद कंपनी सेकेंड स्टेज एमओयू पर आगे बढ़ी है. कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि झारखंड में निवेश के लिए कंपनी प्रतिबद्ध है. अब सरकार जमीन के लिए सहयोग करे, तो कंपनी प्लांट लगाने की दिशा में शीघ्र ही काम शुरू करेगी़ गौरतलब है कि लंदन स्थित लक्ष्मीनिवास मित्तल की कंपनी आर्सेलर-मित्तल का एमओयू 10 वर्ष पूर्व किया गया था. तब कंपनी ने दावा किया गया था कि कम से कम 20 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा. पर राजनीतिक अस्थिरता के कारण कंपनी भूमि लेने में असफल रही. अब बहुमतवाली सरकार में एक बार फिर से कंपनी प्लांट को लेकर गंभीर हुई है.
वेदांता ग्रुप के प्रस्ताव को भी मंजूरी
दूसरी ओर हाइपावर कमेटी ने वेदांता ग्रुप के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है. वेदांता ग्रुप ने छह हजार करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया है. पिछले दिनों मुंबई में मेक इन इंडिया महोत्सव के दौरान वेदांता ग्रुप ने झारखंड में निवेश करने की इच्छा जतायी थी.अब इसके प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेज दिया गया है. सीएम से मंजूरी मिलने के बाद शीघ्र एमओयू किया जायेगा.
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