इस पुरस्कार के लिए झारखंड से पांच किसानों के नाम का चयन किया गया था़ इनका अाकलन 100 प्वाइंट के आधार पर किया गया था़ उक्त दोनों किसानों में खुदीराम मुंडा को 75 व जूलियस तिग्गा को 68 प्वाइंट मिले थे़ श्रीश्री रविशंकर जी के मार्गदर्शन में वर्ष 2009 से एओएल के कृषि शिक्षक असिम कुंडू नामकुम प्रखंड के 70 गांवों में ऑर्गेनिक कृषि को लेकर कैंप कर रहे थे़.
इसके तहत किसानों को कम कीमत पर बीज शोधन, कार्बनिक मिट्टी तैयार करना व खादों के प्रयोग के बारे बताया जा रहा था़ ग्रामीण विकास में स्नातकोत्तर असिम ने जैविक खेती की पेचिदगियों विषय पर शोध किया है़ उन्होंने अपने इस अध्ययन का उपयोग करते हुए प्रखंड के दस हजार से अधिक किसानों को रसायनों और कीटनाशकों से होनेवाली हानि के बारे में बताया़ किसान खुदीराम ने जैविक खेती की शुरुआत असिम मुंडू के साथ की, जबकि जूलियस को इसकी जानकारी अपने दादा से मिली, जिसे बाद में एओएल के साथ मिल कर नये स्वरूप में उसने अपनाया़