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कोल इंडिया:अधिकारियों को परफॉरमेंस रिलेटेड पे का भुगतान होगा, सीसीएल का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ
रांची : कोल इंडिया ने 2013-14 के प्रदर्शन के आधार पर सीसीएल को एक्सलेंट रैंकिंग दी है. इसी के आधार पर सीसीएल के अधिकारियों को परफॉरमेंस रिलेटेड पे (पीआरपी ) का भुगतान किया जायेगा. सीसीएल को लगातार तीसरे साल यह रैंकिंग दी गयी है. कोल इंडिया ओवरऑल प्रदर्शन के आधार पर कंपनियों की रैंकिंग तय […]
रांची : कोल इंडिया ने 2013-14 के प्रदर्शन के आधार पर सीसीएल को एक्सलेंट रैंकिंग दी है. इसी के आधार पर सीसीएल के अधिकारियों को परफॉरमेंस रिलेटेड पे (पीआरपी ) का भुगतान किया जायेगा. सीसीएल को लगातार तीसरे साल यह रैंकिंग दी गयी है. कोल इंडिया ओवरऑल प्रदर्शन के आधार पर कंपनियों की रैंकिंग तय करती है. कोल इंडिया के साथ कंपनियों की एमओयू होती है. इसमें कई मामले को रखा जाता है. इसी के आधार पर कंपनियों की रैंकिंग की जाती है.
शत-प्रतिशत प्रदर्शन करनेवाली कंपनियों को एक्सीलेंट रैकिंग : कोल इंडिया ने शत-प्रतिशत प्रदर्शन करनेवाली कंपनियों को एक्सलेंट रैंकिंग दी गयी है. 80 फीसदी के आसपास रैंकिंग पानेवालों को वेरी गुड की श्रेणी में रखा गया है. एमओयू के 60 फीसदी के पास रहनेवालों को गुड रैंकिंग दी गयी है. 40 फीसदी से कम प्रदर्शन करनेवाली कंपनियों को फेयर दिया गया है.
बीसीसीएल लगातार पांच साल से एक्सीलेंट
: झारखंड की कंपनियों में बीसीसीएल, धनबाद का प्रदर्शन सबसे अच्छा है. कंपनी पिछले पांच साल से लगातार एक्सीलेंट रैंकिंग के साथ काम कर रही है. वहीं सीएमपीडीअाइ की पांच साल में चार बार रैंकिंग एक्सीलेंट रही है.
कंपनी 2013-14 2012-13 2011-12
कोल इंडिया एक्सलेंट एक्सलेंट एक्सलेंट
बीसीसीएल एक्सलेंट एक्सलेंट एक्सलेंट
सीसीएल एक्सलेंट एक्सलेंट एक्सलेंट
सीएमपीडीआइ एक्सलेंट एक्सलेंट एक्सलेंट
इसीएल एक्सलेंट एक्सलेंट वेरी गुड
एमसीएल वेरी गुड एक्सलेंट एक्सलेंट
एनसीएल गुड वेरी गुड एक्सलेंट
एसइसीएल एक्सलेंट एक्सलेंट एक्सलेंट
डब्ल्यूसीएल एक्सलेंट वेरी गुड एक्सलेंट
2010-11 में वेरी गुड की श्रेणी में था सीसीएल
2010-11 में सीसीएल की रैंकिंग वेरी गुड थी. इससे पहले वाले साल में भी कंपनी की रैंकिंग वेरी गुड ही थी. वर्ष 2011-12 से वर्ष 2013-14 तक कंपनी की रैंकिंग लगातार एक्सलेंट रही है. 2013-14 से सीसीएल का उत्पादन लक्ष्य के बहुत करीब हो गया है. चालू वित्तीय वर्ष में भी कंपनी लक्ष्य के करीब है. कंपनी 50 मिलियन टन का आंकड़ा पार कर चुकी है.
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