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राजधानी में 67 हजार डायबिटीज मरीज

कार्यक्रम. जेपीकॉन के राष्ट्रीय सेमिनार में जमशेदपुर डॉ एके बिरमानी ने कहा रांची : राजधानी में डायबिटीज के 67 हजार मरीज है़ झारखंड इकोनॉमिक की सर्वे रिपोर्ट में यह बताया गया है कि डायबिटीज के मरीजों की संख्या राज्य में तेजी से बढ़ रही है़ उक्त बातें शनिवार को झारखंड चैप्टर ऑफ एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन […]

कार्यक्रम. जेपीकॉन के राष्ट्रीय सेमिनार में जमशेदपुर डॉ एके बिरमानी ने कहा
रांची : राजधानी में डायबिटीज के 67 हजार मरीज है़ झारखंड इकोनॉमिक की सर्वे रिपोर्ट में यह बताया गया है कि डायबिटीज के मरीजों की संख्या राज्य में तेजी से बढ़ रही है़ उक्त बातें शनिवार को झारखंड चैप्टर ऑफ एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन आॅफ इंडिया (जेपीकॉन) के राष्ट्रीय सेमिनार में जमशेदपुर से आये डॉ एके विरमानी ने कही. उन्होंने कहा कि डायबिटीज का मुख्य कारण पारंपरिक भोजन से दूर होना है़ फैटी फूड, स्मोकिंग, तनाव व मोटापा के कारण डायबिटीज की चपेट में लोग आ रहे है़ं डायबिटीज होने पर शरीर का प्रत्येक अंग प्रभावित होता है़ हार्ट और ब्रेन प्रभावित हो जाता है़
इससे पहले कार्यक्रम का उदघाटन रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश पांडेय ने किया़ कार्यक्रम में लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड के लिए डॉ डीपी आर्या व डॉ आरसीएन सहाय को सम्मानित किया गया़ मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आरके झा, डॉ एके महतो, डॉ एचडी सिंह, डॉ बीबी ठाकुर, डॉ जेके मित्रा व डॉ कमलेश तिवारी आदि मौजूद थे़
विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के चिकित्सक डॉ शिवेंद्र घोष ने बताया कि सरकार डेंगू की सही स्थिति छुपाती है़ भारत में एक मिलियन लोग डेंगू से हर साल पीड़ित होते हैं और सरकार इलाज में करीब 500 मिलियन खर्च करती है़ डेंगू के इलाज में जागरूकता की कमी है़
कार्यक्रम में डॉ नरेश त्रेहन काे भी शामिल होना था, लेकिन वे रांची नहीं आ सके़ सेमिनार में वीडियो के माध्यम से उन्होंने बताया कि राज्य के लोगों के इलाज के लिए रांची के इरबा में अब्दुर्ररज्जाक वीवर्स अस्पताल (मेदांता) बेहतर अस्पताल खोला गया है़ एेसी व्यवस्था की जा रही है कि यहां के लोगों को बाहर नहीं जाना पड़े़
डॉ सिंह बने झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष
मौके पर एसोसिएशन की नयी कार्यकारिणी का गठन किया गया. कमेटी में डॉ एनके सिंह अध्यक्ष, डॉ बीएसवी प्रसाद सचिव चुने गये है़ं डॉ एनके सिंह ने बताया कि राज्य के विशेषज्ञ चिकित्सकों के स्किल को अपग्रेड किया जायेगा़ बेहतर चिकित्सा के लिए छोटे-छोटे शहरों में जाकर चिकित्सकों को प्रशिक्षित
किया जायेगा़
कॉरपोरेट अस्पताल में समझौते की विवशता
उदघाटन समारोह में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ बीबी ठाकुर ने कहा कि कॉरपोरेट अस्पताल सेवा भाव के लिए काम नहीं करते है़
चिकित्सकों को सेवा के साथ समझौता करने के लिए विवश किया जाता है़ चिकित्सकों को लक्ष्य के साथ काम कराया जाता है़ ऐसे में चिकित्सक वहां रह ही नहीं सकता. मेरा बेटा कार्डियेक सर्जन है़ उसने डॉ त्रेहन के अस्पताल में अपने कैरियर की शुरुआत की, लेकिन उसे इलाज में समझौता करने काे कहा जाता था़ वह सेवा भाव के साथ इलाज व कॉरपोरेट की दखलअंदाजी वाले माहौल में सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाया़ अंत में वह देश छोड़ कर यूके चला गया़

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