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सबसे पहले देश हित में सोचें
रांची : बच्चों में नकारात्मकता और उनके घटते धैर्य को लेकर पिछले दिनों मीडिया में कई ऐसी खबरें आयी, जो हमें विचलित करती हैं. बच्चे भारी दबाव में हैं, चाहे वह पारिवारिक से हो या स्कूल से़ बच्चे इंटरनेट, मोबाइल और नये-नये गैजेट्स में डूब गये हैं. मां-बाप के पास उनके लिए समय नहीं है़ […]
रांची : बच्चों में नकारात्मकता और उनके घटते धैर्य को लेकर पिछले दिनों मीडिया में कई ऐसी खबरें आयी, जो हमें विचलित करती हैं. बच्चे भारी दबाव में हैं, चाहे वह पारिवारिक से हो या स्कूल से़ बच्चे इंटरनेट, मोबाइल और नये-नये गैजेट्स में डूब गये हैं. मां-बाप के पास उनके लिए समय नहीं है़
स्कूलों में भी आगे बढ़ने की रेस है़ वे अपनी बात किसी से कह नहीं पा रहे हैं. खुद को अकेला महसूस कर रहे हैं. हमने पिछले दिनों इन मुद्दों को लेकर आपसे अापकी प्रतिक्रिया आमंत्रित की थी़ हम आपकी प्रतिक्रिया को किस्त में प्रकाशित कर रहे हैं.
डॉन बोस्को स्कूल रांची के छात्र सामुएल राज तिर्की का मानना है कि विनय महतो प्रकरण एक शर्मनाक घटना थी. हमें ऐसे कृत्य नहीं करने चाहिए, जिससे देश का नाम खराब हो. हमें देश हित के मामलों पर अधिक ध्यान देना चाहिए. बच्चे देश के भविष्य कहे जाते हैं.
उन्हें सही शिक्षा और उचित मार्गदर्शन जरूरी है. स्कूल को दूसरा घर माना जाता है, जहां शिक्षक ही अभिभावक की भूमिका में रहते हैं. बच्चों के भविष्य को बनाना या बिगाड़ना शिक्षक के हाथ में होता है. मेरा यह मानना है कि सभी शिक्षक खराब नहीं होते. अधिकतर अच्छे होते हैं, जो नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं. शिक्षकों का बच्चों के साथ अधिक घाल-मेल भी सही नहीं प्रतीत होता है. विनय मामले में जो कुछ भी हुआ, उस पर अधिक-से-अधिक खेद जताना चाहिए.
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