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चार लाख की तकनीकी स्वीकृति, 40 लाख का काम

पब्लिक स्कीम : पीएजी ने जिला मत्स्य पदाधिकारी के कार्यालय की जांच के बाद रिपोर्ट सरकार को भेजी रांची : मत्स्य विभाग के कार्यपालक अभियंता ने चार लाख की तकनीकी स्वीकृति के बदले 40 लाख रुपये का काम ठेकेदार को दे दिया. ठेकेदार ने काम को अधूरा छोड़ दिया. इसके बाद अल्पकालीन निविदा निकाल कर […]

पब्लिक स्कीम : पीएजी ने जिला मत्स्य पदाधिकारी के कार्यालय की जांच के बाद रिपोर्ट सरकार को भेजी
रांची : मत्स्य विभाग के कार्यपालक अभियंता ने चार लाख की तकनीकी स्वीकृति के बदले 40 लाख रुपये का काम ठेकेदार को दे दिया. ठेकेदार ने काम को अधूरा छोड़ दिया. इसके बाद अल्पकालीन निविदा निकाल कर दूसरे ठेकेदार को बाकी बचा काम दे दिया. प्रधान महालेखाकार(पीएजी) ने जिला मत्स्य पदाधिकारी के कार्यालय की जांच के बाद इससे संबंधित रिपोर्ट सरकार को भेजी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि नेशनल मिशन फॉर प्रोटीन सप्लीमेंट प्रोग्राम के तहत विभाग ने दो शेल्टर हाउस और 24 केज के लिए प्रति केज दो-दो बैटरी की योजना स्वीकृत की थी.
इसके लिए जनवरी 2013 में 86 लाख रुपये का आवंटन किया था. कार्यपालक अभियंता ने केज के लिए 4.06 लाख की तकनीकी स्वीकृति दी थी, लेकिन कार्यपालक अभियंता ने टेंडर निकाल कर बिना तुलनात्मक ब्योरा तैयार किये ही मेसर्स किशोर साहू के साथ पूरे काम के लिए एकरारनामा कर लिया. इसके तहत ठेकेदार को 40.04 लाख रुपये में काम पूरा करना था. काम पूरा करने के लिए 11 जून 2013 की तिथि निर्धारित थी.
ठेकेदार ने काम शुरू किया और तीन माह में ही काम के बदले 39.25 लाख रुपये का बिल लेकर काम बंद कर दिया. इस बीच मत्स्य निदेशक राजीव कुमार ने काम का निरीक्षण किया. उन्होंने ठेकेदार द्वारा काम पूरा नहीं करने के आलावा दूसरी तरह की भी गड़बड़ी पायी.
उन्होंने ठेकेदार से काम पूरा कराने और सभी तरह की गड़बड़ी दूर कराने के अलावा दंड स्वरूप ठेकेदार के बिल में से 10 प्रतिशत की कटौती का निर्देश दिया. इसके बाद बार-बार स्मार पत्र दिये जाने के बावजूद ठेकेदार ने काम पूरा नहीं किया. इसकी वजह के कार्यपालक अभियंता ने ठेकेदार की 1.99 लाख रुपये की जमानत राशि जब्त कर ली. इसके बाद कार्यपालक अभियंता ने किशोर साहू के साथ किये गये एकरारनामे के रद्द किये बिना ही बाकी बचे काम को पूरा करने का लिए अल्पकालीन निविदा निकाली. टेंडर निबटारे के बाद मोहम्मद असलम को 4.06 लाख रुपये में काम पूरा करने के लिए एकरारनामा कर लिया.
पीएजी ने मामले की जांच के बाद सरकार को भेजी गयी अपनी रिपोर्ट में इस बात पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए यह जानना चाहा है कि किन परिस्थितियों में 4.06 लाख रुपये की तकनीकी स्वीकृति के बदले 40.04 लाख का काम दे दिया गया. इतना ही नहीं 3.28 लाख रुपये की जमानत राशि के बदले किशोर साहू से इस मद में सिर्फ दो लाख ही जमा लिया गया.

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