वहीं सड़क निर्माण के लिए रैयतों के लिए जमीन का मुआवजा चार करोड़ रुपये सरकार को दिया जा चुका है. अब तक रैयतों को मुआवजा नहीं मिला है.
इसमें हमलोगों को कोई लेना-देना नहीं है, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि उक्त जमीन एतवा उरांव वगैरह के नाम पर बंदाेबस्ती है व सड़क निर्माण के लिए कब जमीन का अधिग्रहण किया गया है, यह किसी को न तो मालूम है और न ही किसी को मुआवजा मिला है, जबकि सड़क निर्माण के लिए टेंडर भी निकाला जा चुका है. बैठक में कांके अंचल के सीआइ, अमीन, राजस्व कर्मचारी ने कागजातों की जांच कर बताया कि उक्त जमीन को एतवा उरांव वगैरह के नाम से बंदोबस्त किया गया है. बैठक में तय किया गया कि जब तक रैयतों को मुआवजा नहीं मिल जाता है, तब तक सड़क निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जायेगा. जबकी बंदोबस्त जमीन के संबंध में रैयतों ने कोर्ट में जाकर न्याय दिलाने की अपील करने का निर्णय लिया है. बैठक में सुंडील, मनातू के मुखिया, पंचायत समिति सदस्य सहित 10 सदस्यीय कमेटी के ग्रामीण