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मध्यस्थता में हार-जीत नहीं
40 घंटे का मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ रांची. मध्यस्थता सहज व सरल तरीका है, इससे जल्द व सस्ता न्याय मिलता है. यह मुकदमों में कमी लाने का एक सशक्त प्लेटफार्म भी है. मध्यस्थता में हार-जीत नहीं होती है, बल्कि आपसी सहमति से समझाैते होते है आैर मामला निष्पादित हो जाता है. उक्त बातें […]
40 घंटे का मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ
रांची. मध्यस्थता सहज व सरल तरीका है, इससे जल्द व सस्ता न्याय मिलता है. यह मुकदमों में कमी लाने का एक सशक्त प्लेटफार्म भी है. मध्यस्थता में हार-जीत नहीं होती है, बल्कि आपसी सहमति से समझाैते होते है आैर मामला निष्पादित हो जाता है. उक्त बातें झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष व झारखंड हाइकोर्ट के सीनियर जज जस्टिस डीएन पटेल ने कही.
वे शनिवार को झालसा के न्याय सदन सभागार में आयोजित 40 घंटे के मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम के उदघाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे. धन्यवाद ज्ञापन झालसा के उप सचिव राजेश कुमार ने किया. रिसोर्स पर्सन के रूप में पटियाला हाउस कोर्ट के जज वीके गुप्ता व अधिवक्ता अनुपमा सी नारंग ने भाग लिया. मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम दो मार्च तक चलेगा.
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