25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

धनबाद मुआवजा घोटाला: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने कहा हर्जाना आैर मुआवजा दे सरकार

एसटी आयोग ने धनबाद मुआवजा घोटाले पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की है़ इसके तहत शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में मुख्य सचिव, डीजीपी सहित आला अधिकारियों के साथ मामले की समीक्षा की गयी. धनबाद के उपायुक्त और एसपी भी तलब किये गये थे. रांची: राज्य सरकार अधिग्रहित जमीन के बदले जमीन व बिचौलिये द्वारा […]

एसटी आयोग ने धनबाद मुआवजा घोटाले पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई शुरू की है़ इसके तहत शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में मुख्य सचिव, डीजीपी सहित आला अधिकारियों के साथ मामले की समीक्षा की गयी. धनबाद के उपायुक्त और एसपी भी तलब किये गये थे.
रांची: राज्य सरकार अधिग्रहित जमीन के बदले जमीन व बिचौलिये द्वारा मुआवजा हड़पने पर उससे वसूल कर हर्जाना चुकाने की नीति बनाये़ दोषी लोगों को चिह्नित कर उनकी संपत्ति जब्त की जाये़ संपत्ति जब्त कर आदिवासियों को हर्जाना सहित मुआवजा मिले़ उक्त बातें राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कही. श्री उरांव शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों से बात कर रहे थे़ उन्होंने कहा कि आयोग ने धनबाद सहित राज्य के दूसरे हिस्से में भी मुआवजा बांटने में अनियमितता को लेकर अधिकारियों से जानकारी मांगी़.
इधर, श्री उरांव ने कहा कि किसी क्षेत्र में कोई परियोजना शुरू होने पर बाहर के लोग आकर स्थानीय लोगों से सस्ते में जमीन खरीदने लगते है़ सरकार आदेश निकाले कि जहां परियोजना शुरू होनेवाली हो, वहां जमीन की खरीद- बिक्री रोक दी जाये़ रांची रिंगरोड मामले में भी धोखाधड़ी की शिकायतें सामने आयी है़ जमीन का मुआवजा देने के मामले मेें मध्य प्रदेश सरकार ने अच्छा उदाहरण पेश किया है़, जहां केंद्र से मिली राशि के अतिरिक्त राज्य सरकार 50 फीसदी राशि देती है़. झारखंड में भी मुआवजा बढ़ा कर देना चाहिए़ आजादी के बाद से अब तक आदिवासियों के हालात ज्यादा नहीं बदले है़ं. झारखंड की 57 फीसदी जनजातीय आबादी अब भी गरीबी रेखा के नीचे है़ आदिवासियों की स्थिति ठीक नहीं है़ .
एसटी पर अत्याचार के 1400 मामले लंबित
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजातियों पर अत्याचार के 1400 मामले लंबित है़ आदिवासियों पर अत्याचार के मामलों में निगरानी की स्थिति ठीक नहीं है़ जिला और राज्यस्तर की नियमित बैठकें होनी चाहिए़ झारखंड के देवघर, गढ़वा, जमशेदपुर और पलामू जिले आदिवासियों पर अत्याचार के मामले में आगे है़ं अत्याचार का मुख्य कारण आदिवासी जमीन की लूट है़ .
ट्राइबल सब प्लान की मॉनिटरिंग हो
उन्होंने कहा कि ट्राइबल सब प्लान की मॉनिटरिंग के लिए एक मॉडल विकसित किया जाये, तभी बेहतर नतीजे आयेंगे़ टीएसपी के पैसे खर्च करने के लिए एक-एक आदिवासी का लक्ष्य तय कर उन्हें लाभुक बनाया जाये़ जमीन के बदले मुआवजे के मामले में भी सरकार संज्ञान ले़ आंध्र प्रदेश में ट्राइबल सब प्लान के पैसे दूसरे मद में खर्च करने पर सचिव व संबद्ध पदाधिकारियों को तीन वर्ष की सजा दी जाती है़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें