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शुरुआत: 37 मदरसों और 27 संस्कृत स्कूलों को मिलेगा लाभ, पहली बार मदरसों को अनुदान
रांची: राज्य गठन के बाद पहली बार झारखंड से प्रस्वीकृति प्राप्त मदरसा व संस्कृत स्कूलों को अनुदान मिलेगा़ वित्तीय वर्ष 2015-16 में 37 मदरसा व 27 संस्कृत स्कूलों को अनुदान दिया जायेगा़ पर मदरसा व संस्कृत स्कूलों को राज्य सरकार के निर्णय के अनुरूप दोगुना अनुदान नहीं मिलेगा़ राज्य सरकार ने गत वर्ष वित्त रहित […]
रांची: राज्य गठन के बाद पहली बार झारखंड से प्रस्वीकृति प्राप्त मदरसा व संस्कृत स्कूलों को अनुदान मिलेगा़ वित्तीय वर्ष 2015-16 में 37 मदरसा व 27 संस्कृत स्कूलों को अनुदान दिया जायेगा़ पर मदरसा व संस्कृत स्कूलों को राज्य सरकार के निर्णय के अनुरूप दोगुना अनुदान नहीं मिलेगा़ राज्य सरकार ने गत वर्ष वित्त रहित शिक्षण संस्थानों की अनुदान राशि दोगुनी करने का निर्णय लिया था़ इसके तहत प्राथमिक विद्यालय, उच्च विद्यालय, इंटर कॉलेज व संबद्धता प्राप्त डिग्री कॉलेजों के अनुदान को दोगुना किया गया है, लेकिन इसमें मदरसा व संस्कृत स्कूलों को शामिल नहीं किया गया़.
मदरसा व संस्कृत स्कूल के शिक्षकाें ने अन्य वित्त रहित शिक्षण संस्थान की तरह दोगुना अनुदान देने की मांग की है़ झारखंड में कुल 544 वित्त रहित मदरसों को अनुदान देने की प्रक्रिया वर्ष 2011 में शुरू हुई थी़ तत्कालीन सरकार ने दुमका में हुई कैबिनेट की बैठक में मदरसा व संस्कृत स्कूलों को अनुदान देने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया था़ मदरसा व संस्कृत स्कूलों की जांच कर सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को रिपोर्ट झारखंड एकेडमिक काउंसिल को देने को कहा गया़ राज्य के अधिकतर मदरसे मान्यता (प्रस्वीकृति ) के लिए आवश्यक शर्त को पूरा नहीं कर पा रहे थे. मदरसों के पास नियमावली के अनुरूप मदरसा के नाम से जमीन निबंधित नहीं थी. इसके बाद सरकार ने मदरसा व संस्कृत स्कूलों को जमीन की शर्त में छूट दी़
बिहार से मान्यता प्राप्त 186 मदरसे
रांची. राज्य गठन के बाद बिहार से मान्यता प्राप्त 186 मदरसा को सरकार की अोर से राशि दी जाती है़ झारखंड अलग राज्य गठन के बाद पहली बार मदरसा व संस्कृत स्कूलों को अनुदान दिया जा रहा है़ इन मदरसा व संस्कृत स्कूल को झारखंड सरकार से मान्यता मिली है़ माध्यमिक शिक्षा निदेशालय स्तर पर लगभग सौ और मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया चल रही है़ झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा इनकी मान्यता की अनुशंसा की गयी है़.
शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन
रांची. झारखंड राज्य वित्तरहित शिक्षा संयुक्त मोरचा के रघुनाथ सिंह ने कहा है कि झारखंड वित्त रहित शैक्षणिक संस्थान अनुदान नियमावली 2004 के तहत इन संस्थानों को भी अनुदान दिया जा रहा है़ गत वर्ष सरकार द्वारा लिये गये निर्णय में सभी स्थायी प्रस्वीकृति प्राप्त शैक्षणिक संस्थाओं का अनुदान दोगुना किया गया है़ ऐसे में मदरसा व संस्कृत स्कूलों को भी दोगुना अनुदान का लाभ दिया जाये . इस संबंध में संघ के प्रनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था. शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को मदरसा व संस्कृत स्कूलों को प्रावधान के अनुरूप अनुदान देने का आश्वासन दिया था.
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