रांची: झारखंड विधानसभा में गुरुवार को 17.98 अरब रुपये का कृषि अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित हो गया. इसको लेकर विधायक प्रदीप यादव ने कटौती प्रस्ताव लाया था. कृषि अनुदान मांग पर चर्चा के बाद सरकार का पक्ष रखते हुए कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए […]
रांची: झारखंड विधानसभा में गुरुवार को 17.98 अरब रुपये का कृषि अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित हो गया. इसको लेकर विधायक प्रदीप यादव ने कटौती प्रस्ताव लाया था. कृषि अनुदान मांग पर चर्चा के बाद सरकार का पक्ष रखते हुए कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए अलग से कृषि बजट लाया गया है.
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के लिए कई योजनाएं शुरू की गयी हैं. होटवार रांची में 31.08 करोड़ की लागत से एक लाख लीटर क्षमता का स्वचालित व अत्याधुनिक मेधा डेयरी प्लांट लगाया है. अन्य जगहों पर इसी प्रकार के प्लांट लगाये जायेंगे. सरकार श्वेत क्रांति के साथ मत्स्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने के लिए नीली क्रांति लायेगी.
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए मॉडल के तौर पर प्रखंडों में योजनाएं चलायी जायेंगी. कृषि निगम की स्थापना की जायेगी. उन्होंने कहा कि कृषि बाजार समिति अभी भंग नहीं हुई है. सरकार यहां कार्यरत 170 कर्मियों को दूसरे कार्यों में लगाने पर विचार कर रही है. श्री सिंह ने कहा कि कृषि निदेशक जटाशंकर चौधरी पर लगे आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है. जल्द ही जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जायेगा.
भ्रष्टाचार का चारागाह है कृषि विभाग : प्रदीप
विधायक प्रदीप यादव ने कटौती प्रस्ताव लाते हुए कहा कि कृषि विभाग भ्रष्टाचार का चारागाह बन गया है. घोटाला करनेवाले अफसरों को पदमुक्त कर सरकार अपना पीठ थपथपा रही है. कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
भरोसा नहीं, तो संविदा पर रख लें मंत्री : बादल
विधायक बादल ने कहा कि सरकार गठन के 14 माह बाद भी मंत्रिमंडल में 12वां मंत्री नहीं बनाया गया है. सरकार को अपने अधिकारियों पर भरोसा नहीं है. यही वजह है कि संविदा पर अधिकारी रखने का फैसला किया जा रहा है. अगर मुख्यमंत्री रघुवर दास को अपने सहयोगियों पर भरोसा नहीं है, तो संविदा पर एक मंत्री रख लें.