झारखंड विधानसभा में मंगलवार को लोहरदगा में सरकारी योजना के लिए जमीन खरीद में की गयी गड़बड़ी का मामला उठा, तो पक्ष-विपक्ष दोनों ने इसे गंभीर मामला बताया. सदन में बजट पर भी चर्चा शुरू हुई. इसमें विपक्ष ने जहां बजट को नकार दिया वहीं पक्ष के सदस्यों ने इसे बेहतरीन करार दिया.
रांची : लोहरदगा में शहरी जलापूर्ति योजना के लिए जमीन खरीदारी में अनियमितता बरती गयी है़ सीएनटी की जमीन को गैर आदिवासी की जमीन बता कर खरीदी गयी़ 24 लाख की जमीन 2़ 43 करोड़ में खरीदी गयी़ सरकार पूरे मामले की निगरानी ब्यूरो से जांच करायेगी़ मंगलवार को नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने इसकी घोषणा की़ कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने ध्यानाकर्षण के तहत यह मामला उठाया था़.
श्री भगत ने कहा कि जमीन खरीद में फरजीवाड़ा हुआ है़ रजिस्ट्री दस्तावेज में जिसके नाम से पावर ऑफ एटॉर्नी दिखाया गया है़, विधायक ने बताया कि उसकी मौत 8-11-07 में हो गयी थी, जबकि रजिस्ट्री 31-03-15 हुई है़ रजिस्ट्री रात के 10 बजे हुई. आम आदमी दिन में रजिस्ट्री कराने जाये, तो लींक फेल बताया जाता है, लेकिन फरजीवाड़ा करने के लिए रात में रजिस्ट्री होती है़.
विभागीय मंत्री सीपी सिंह का कहना था कि मामला गंभीर प्रतीत हो रहा है़ कहीं न कहीं गड़बड़ी है़ कई लोगों की संलिप्तता है़ अंचल अधिकारी की रिपोर्ट भ्रामक है़ मंत्री का कहना था कि इस मामले में लोहरदगा थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई है़ विधायक श्री भगत ने कहा कि इस मामले में शहर के 18 पार्षदों ने भी उपायुक्त को लिख कर दिया है कि इस मामले की जांच हो़ इसकी जांच निगरानी से करायी जाये़ मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में हम समझौता नहीं कर सकते है़ं हम निगरानी से जांच के लिए तैयार है़.
बजट भाषण पर परिचर्चा सत्ता पक्ष ने सराहा, विपक्ष ने नकारा
झारखंड सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए पेश किये गये बजट पर मंगलवार से परिचर्चा शुरू हुई. इसमें सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के विधायकों ने अपनी-अपनी बात रखी. सत्ता पक्ष के लोगों ने बजट की सराहना की, तो विपक्ष ने बजट को खोखला बताया. बजट पर परिचर्चा बुधवार को भी होगी.
सत्ता पक्ष : विकास का बजट
भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि यह बजट गरीबी उन्मूलन और विकास का बजट है. सरकार ने जनता से सलाह लेकर इसे तैयार किया है. पहले एसी कमरों में बैठ कर बजट तैयार किया जाता था. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बजट को लेकर पांचों प्रमडलों में जाकर लोगों से सुझाव लिया. बजट में सरकार ने पिछले 14 वर्ष की कमियों को पाटने का काम किया है. सरकार की ओर से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाये गये हैं. विधायक राम कुमार पाहन ने कहा कि जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किया गया है. सरकार की ओर से शुरू की गयी डोभा योजना से खेत का पानी खेत में ही रहेगा. सरकार ने आदिवासियों को शिक्षा और गृह लोन दिलाने के लिए पहल की है. विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि बजट में युवाओं का विशेष ध्यान रखा गया है. कौशल विकास के तहत इन्हें प्रशिक्षित करने के लिए कई योजनाएं शुरू करने का प्रावधान है. किसानों और गांव के हितों को ध्यान में रख कर बजट तैयार किया गया है. विधायक निर्भय शहबादी ने कहा कि यह बजट राज्य को नयी राह और दिशा दिखायेगा. देश में पहली बार किसी सरकार ने बजट घोषणाओं का एटीआर पेश किया है, ताकि जनता को पता चल सके कि सरकार ने सिर्फ घोषणाएं ही नहीं की, बल्कि उस पर अमल भी किया है.
विपक्ष : लोगों को कर्ज में डालनेवाला बजट
बजट पर परिचर्चा के दौरान विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि यह राज्य को खोखला करने वाला बजट है. यह झारखंड के प्रतिकूल और लोगों को कर्जा में डालनेवाला बजट है. राज्य का घाटा 7700 करोड़ रुपये हो गया है, जो कुल बजट का 12 प्रतिशत है. बजट में घाटे को कम करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है. सरकार को जनता को बताना चाहिए कि सरकार पर 55 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. राज्य के एक-एक व्यक्ति पर 18 हजार रुपये का कर्ज है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से ढिंढोरा पिटा जा रहा है कि कृषि बजट को दोगुना कर 1200 करोड़ रुपये कर दिया गया है. पिछली बार कृषि का बजट 636 करोड़ का था़ एरिगेशन का बजट 2005 करोड़ रुपये का था, जिसे घटा कर 1475 करोड़ रुपये कर दिया गया है. अगर दोनों को जोड़ दिया जाये तो यह 2600 करोड़ का बजट हो जाता है. सरकार ने सोशल सिक्यूरिटी के बजट को 15.65 प्रतिशत से घटा कर 9.75 प्रतिशत कर दिया है. सरकार कहती है कि विकास दर बढ़ी है, लेकिन कृषि और उद्योग की विकास दर नहीं बढ़ी है. कृषि की विकास दर निगेटिव है. श्री यादव ने कहा कि योजना मद में गैर योजना मद की राशि भी छिपी हुई है. ऐसे में विकास का 18 प्रतिशत हिस्से से ही विकास का काम होगा. उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि आम आदमी की आय बढ़ी है, उसे बताना चाहिए कि दूध, दाल व चीनी में कितनी खपत बढ़ी है. विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि बजट का आकार बढ़ाना राजनीतिक मजबूरी है. अगर हम पिछले बजट की घोषणाओं को देखें, तो सच्चाई सत्य से परे है. स्कूल भवन बन गये हैं पर शिक्षकों की कमी है. कृषि उपकरण बांटने की योजना है, लेकिन इसका कैसे उपयोग किया जायेगा. इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है. विधायक आलमगीर आलम ने कहा कि योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पाती हैं. पिछले तीन माह से ग्रामीण इलाकों में डीसी से लेकर बीडीओ, सीओ तक योजना बनाओ अभियान में ही जुटे रहे. उद्योग का विकास दर घट कर 35 प्रतिशत हो गया है. एक-एक एमओ चार-चार जगह के प्रभार में हैं. इस कारण खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है.