विधायक अरूप चटर्जी ने परिवहन मंत्री सीपी सिंह को पत्र लिख कर वाहन मालिकों को फरजी रसीद देकर अवैध तरीके से वाहनों को जब्त करने के मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने आैर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी. इस पर मंत्री ने तुरंत मामले की जांच करने का निर्देश दिया था. परिवहन सचिव ने संयुक्त परिवहन आयुक्त को मामले की जांच करने को कहा.
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वाहनों की जब्ती सूची जारी करने का मामला, एमवीआइ के खिलाफ नहीं मिला संयुक्त जांच प्रतिवेदन
रांची: जिला मोटरयान निरीक्षक (एमवीआइ) रांची द्वारा वाहनों की जब्ती सूची (सरकार द्वारा निर्धारित विहित प्रपत्र में नहीं) जारी करने के मामले की जांच रिपोर्ट अब तक तैयार नहीं की गयी है. विभाग ने मामले की जांच की जिम्मेवारी क्षेत्रीय परिवहन आयुक्त सह सचिव आरटीए आैर डीटीअो को दी है. विभाग के संयुक्त परिवहन आयुक्त […]
रांची: जिला मोटरयान निरीक्षक (एमवीआइ) रांची द्वारा वाहनों की जब्ती सूची (सरकार द्वारा निर्धारित विहित प्रपत्र में नहीं) जारी करने के मामले की जांच रिपोर्ट अब तक तैयार नहीं की गयी है. विभाग ने मामले की जांच की जिम्मेवारी क्षेत्रीय परिवहन आयुक्त सह सचिव आरटीए आैर डीटीअो को दी है. विभाग के संयुक्त परिवहन आयुक्त ने संयुक्त जांच प्रतिवेदन 19 फरवरी तक समर्पित करने का निर्देश दिया था, लेकिन वह विभाग को अब तक अप्राप्त है. उधर जांच पदाधिकारी आरटीए सचिव राजेश बरवार व डीटीअो नागेंद्र पासवान से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि फिलहाल जांच जारी है. रिपोर्ट शीघ्र विभाग को भेज दी जायेगी.
क्या है मामला : एमवीआइ द्वारा व्यावसायिक वाहनों की जांच की जाती है. जांच के दाैरान वाहनों को जब्त किया जाता है. जब्ती के समय सरकार की जब्ती सूची के बदले कार्यालय, जिला मोटरयान निरीक्षक रांची के नाम से परची निर्गत की जा रही है. इस बात की शिकायत आरटीए सचिव से भी की गयी.
अदालत भी पारित कर चुका है आदेश
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने विविध वाद संख्या 1/2016 की सुनवाई करते हुए 20 जनवरी को आदेश पारित किया था. अदालत ने परिवहन सचिव को इस मामले को व्यक्तिगत रूप से देखन आैर शीघ्र उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. बाद में अदालत के आदेश पर परिवहन आयुक्त को आदेश की प्रति कार्रवाई के लिए भेजी गयी. यह मामला अमरप्रीत सिंह खरबंदा ने दायर की थी. आवेदन में कहा गया था कि ट्रक संख्या एनएल-01डी-3753 को एमवीआइ ने सात दिसंबर 2015 को जांच की. जब्ती सूची निर्गत करने के बदले स्वयं निर्मित टाइप्ड परची ड्राइवर रतनेश कुमार को दिया गया. जब्ती सूची के बदले अन्य परची देने का अधिकार एमवीआइ को नहीं है. जब्ती सूची का विहित प्रपत्र पहले से लागू है, जिसे वाहन जब्त करने के समय देने का प्रावधान है.
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