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प्रोन्नति में आरक्षण खत्म नहीं होगा : मुख्यमंत्री

रांची : शिक्षक प्रोन्नति में आदिवासियों को छूट देने के प्रावधान को खत्म करने के मामले में विपक्ष ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा किया़ सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए झामुमो, कांग्रेस, झाविमो और माले विधायक वेल में घुसे़ स्पीकर के बार-बार आग्रह के बाद भी विपक्षी विधायक अपनी जगह […]

रांची : शिक्षक प्रोन्नति में आदिवासियों को छूट देने के प्रावधान को खत्म करने के मामले में विपक्ष ने शुक्रवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा किया़ सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए झामुमो, कांग्रेस, झाविमो और माले विधायक वेल में घुसे़ स्पीकर के बार-बार आग्रह के बाद भी विपक्षी विधायक अपनी जगह पर बैठने के लिए तैयार नहीं थे़.

विधायक जोर-जोर से आदिवासी विरोधी सरकार होश में आओ के नारे लगाते रहे़ स्पीकर ने विधायकों से कहा कि वे अपनी जगह पर जाकर बातेें रखे़ं संसदीय कार्यमत्री सरयू राय का भी कहना था कि विपक्ष ने जो मामला लाया है़ उस पर सरकार अपना पक्ष रखना चाहती है़ इसके बाद विधायक अपनी सीट पर गये़ सरकार का पक्ष रखते हुए मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा : सरकार ने ऐसा ना तो कोई निर्णय लिया है और ना ही आगे लिया जायेगा़ इससे पूर्व झामुमो के स्टीफन मरांडी का कहना था कि कैबिनेट ने प्रोन्नति में आरक्षण नहीं देना का फैसला किया है़ शिक्षा विभाग ने संकल्प जारी किया है़ यह आदिवासी राज्य है़.


प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन का कहना था कि 10 वर्षों में प्रोन्नति का प्रावधान है़ आदिवासियों को सात वर्षों में प्रोन्नति दी जाती है़ इसे खत्म किया जा रहा है़ विधायक प्रदीप यादव का कहना था कि सरकार बताये कि ऐसा संलेख क्यों तैयार किया गया है़ सरकार ने पहले ही जेपीएससी के माध्यम से आरक्षण की सीमा कम कर दी है़ सरकार को ऐसे निर्णय लेने का हक नहीं है़ मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि केवल विपक्ष को चिंता नहीं है़ सत्ता पक्ष की भी चिंता है़ मुख्यमंत्री ने जब कह दिया है कि ऐसा कोई निर्णय नहीं हुआ, तो फिर इस पर हंगामे का कोई मतलब नहीं है़.
पीएफ का बकाया भुगतान के लिए बनायी गयी कमेटी : विभिन्न संस्थानों और कार्यालय के कर्मियों के पीएफ के बकाये राशि की वसूली के लिए सरकार ने कमेटी बनायी है़ सरकार द्वारा गठित उच्चस्तरीय कमेटी में भविष्य निधि के क्षेत्रीय आयुक्त, श्रम विभाग के प्रधान सचिव, श्रमायुक्त, उपश्रमायुक्त, श्रम विभाग के निदेशक और संबंधित जिलाें के उपायुक्त शामिल होंगे़ मासस विधायक अरूप चटर्जी के तारांकित के तहत उठाये गये एक मामले में श्रम मंत्री राज पलिवाल ने सदन को सरकार के फैसले की सूचना दी़ विधायक का कहना था कि धनबाद में दो अलग-अलग कंपनियों में काम करने वाले मजदूरों और कर्मियों के बकाये का भुगतान नहीं हो रहा है़

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