आयोग के अधिकारियों को अब समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर किन परिस्थितियों में उक्त परीक्षा में उन सभी उम्मीदवारों को शामिल करा लिया गया था. अब आयोग ने राज्य सरकार से इस दिशा में मार्गदर्शन मांगा है. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2006 में 13 केंद्रों पर आयोजित इस परीक्षा में अनियमितता की शिकायत के बाद इसकी जांच निगरानी विभाग द्वारा की गयी थी. इसके बाद यह मामला झारखंड हाइकोर्ट व राज्यपाल के पास पहुंचा था. आयोग ने इसका परीक्षाफल जारी नहीं किया था. अंतत: झारखंड हाइकोर्ट के निर्देश के बाद आयोग ने छह साल बाद 12 जून 2013 को परीक्षा रद्द कर दी थी. इस बीच आयोग ने 58 पद के लिए द्वितीय, नौ पद के लिए तृतीय व 32 पद के लिए चतुर्थ सीमित उपसमाहर्ता प्रतियोगिता परीक्षा ली और रिजल्ट भी जारी किया.
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जेपीएससी: प्रथम सीमित उपसमाहर्ता परीक्षा, चार हजार उम्मीदवार योग्य नहीं पाये गये
रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा वर्ष 2006 में आयोजित की गयी प्रथम सीमित उपसमाहर्ता परीक्षा में लगभग चार हजार उम्मीदवार योग्य नहीं पाये गये. राज्य सरकार उक्त परीक्षा को फिर से आयोजित करने अौर इसमें उन्हीं उम्मीदवारों को शामिल करने का निर्देश दिया, जो वर्ष 2006 की परीक्षा में शामिल हुए थे. […]
रांची : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा वर्ष 2006 में आयोजित की गयी प्रथम सीमित उपसमाहर्ता परीक्षा में लगभग चार हजार उम्मीदवार योग्य नहीं पाये गये. राज्य सरकार उक्त परीक्षा को फिर से आयोजित करने अौर इसमें उन्हीं उम्मीदवारों को शामिल करने का निर्देश दिया, जो वर्ष 2006 की परीक्षा में शामिल हुए थे.
आयोग ने कुल 50 पदों के लिए 13 अप्रैल 2006 को परीक्षा ली थी. इसके लिए आयोग द्वारा आठ हजार 254 एडमिट कार्ड जारी किये थे. इसका खुलासा उस वक्त हुआ, जब आयोग द्वारा उक्त उम्मीदवारों को पुन: एडमिट कार्ड भेजने की प्रक्रिया शुरू की गयी, तो पाया गया कि लगभग 50 प्रतिशत उम्मीदवार तो उस वक्त दी गयी योग्यता व अनुभव को पूरा ही नहीं कर रहे हैं.
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