मारवाड़ी कॉलेज को वर्ष 2009 में यूजीसी द्वारा अॉटोनोमस का दरजा दिया गया था. इसकी अवधि पांच वर्ष की रहती है. इस आधार पर अॉटोनोमस अवधि जून 2015 में समाप्त हो गयी थी. यूजीसी के नियमानुसार इसके बाद अॉटोनोमस विस्तार के लिए जब टीम निरीक्षण कर अपनी सकारात्मक रिपोर्ट देगी, उसके बाद अॉटोनमस अवधि अगले पांच वर्ष के लिए आरंभ हो जायेगी.
छह सदस्यीय इस टीम के अध्यक्ष हेमचंद विश्वविद्यालय, पाटन गुजरात के कुलपति डॉ आरएल बोदरा हैं. इसके अलावा टीम में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की संयुक्त सचिव मंजू सिंह, रामकृष्ण मिशन कॉलेज वेलुर मठ के प्राचार्य स्वामी सहस्त्रानंद, आइआरआइ पूसा के बलवीर वेनिवाल, रांची विवि के प्रतिनिधि के रूप में विनोबा भावे विवि के पूर्व कुलपति डॉ एमपी सिंह व राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के उपसचिव सुरेश प्रसाद गुप्ता को शामिल किया गया है. दो दिनों में टीम के सदस्य कॉलेज के सभी विभागों का निरीक्षण करने केे बाद फेकल्टी, छात्र, कर्मचारी व पूर्ववर्ती छात्रों से मिलेंगे. पूर्ववर्ती छात्रों से टीम के सदस्य पांच फरवरी को मिलेंगे.
इधर, कॉलेज के प्राचार्य डॉ रंजीत सिंह ने कहा है कि टीम के दौरे के मद्देनजर सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. प्राचार्य ने कॉलेज के पूर्ववर्ती छात्र-छात्राअों से आग्रह किया है कि वे 31 जनवरी 2016 को उनके कार्यालय कक्ष में मिलें, जिसमें टीम के दौरे के मद्देनजर विचार-विमर्श किया जायेगा. रांची कॉलेज का अॉटोनोमस विस्तार से संबंधित यूजीसी टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. संभावना है कि कॉलेज को अगले पांच साल के लिए विस्तार मिल जायेगा.