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इंटर स्टेट काउंसिल की बैठक: बिहार ने नक्शा देने से किया इनकार

रांची: इंटर स्टेट काउंसिल की बैठक के दौरान बिहार ने झारखंड को केडेस्टल मैप (नक्शा) देने से इनकार कर दिया है. साथ ही दोनों राज्यों के बीच के सभी विवादित मामलों को समेकित रूप से सुलझाने की बात कही है. पश्चिम बंगाल सीमा पर बसे 48 गांव के मुद्दे को यथाशीघ्र हल करने का आश्वासन […]

रांची: इंटर स्टेट काउंसिल की बैठक के दौरान बिहार ने झारखंड को केडेस्टल मैप (नक्शा) देने से इनकार कर दिया है. साथ ही दोनों राज्यों के बीच के सभी विवादित मामलों को समेकित रूप से सुलझाने की बात कही है. पश्चिम बंगाल सीमा पर बसे 48 गांव के मुद्दे को यथाशीघ्र हल करने का आश्वासन दिया. राज्य सरकार ने केंद्र से नेशनल हाईवे के रख-रखाव के लिए और अधिक राशि देने की मांग की.
बैठक के बाद गृह विभाग के प्रधान सचिव एनएन पांडेय ने बताया कि काउंसिल की बैठक में राज्य सरकार की ओर से केडेस्टल मैप, पेंशन, दिल्ली स्थित बिहार भवन, कोऑपरेटिव बैंक आदि के मामले उठाये गये थे. इन मुद्दों पर चर्चा के दौरान राज्य सरकार की ओर से यह कहा गया था कि केडेस्टल मैप नहीं मिल पाने की वजह से राज्य में जमीन के कंप्यूटराइजेशन का काम प्रभावित हो रहा है. इसलिए बिहार सरकार झारखंड को केडेस्टल मैप दे. बिहार की ओर से इस पर कहा गया कि दोनों राज्यों के बीच कई मुद्दों पर विवाद है. सिर्फ एक मुद्दे पर बात न हो, बल्कि सभी मुद्दों का निबटारा समेकित रूप से किया जाये.
पेंशन विवाद, बिहार भवन के बंटवारे आदि के मामले में न्यायालय के आदेश की प्रतीक्षा करने का फैसला किया गया. कोऑपरेटिव बैंक के मामले में पहले दोनों राज्यों के सचिवों की बैठक कर इसे निबटाने का फैसला किया गया. पश्चिम बंगाल के साथ सीमा विवाद के मुद्दे पर चर्चा के दौरान वहां के अधिकारियों ने कहा कि गांव का सर्वे करा लिया गया है. इसका निबटारा शीघ्र ही कर लिया जायेगा. गृह सचिव ने बताया कि झारखंड की ओर से केंद्रीय अधिकारियों से नेशनल हाईवे के रख-रखाव के लिए अधिक धन देने की मांग की गयी. इस मामले में राज्य की ओर से यह कहा गया कि केंद्र सरकार से नेशनल हाईवे के रख-रखाव के लिए जो राशि मिलती है, वह पर्याप्त नहीं है. इसके अलावा सिंगल लेन एनएच को डबल लेन करने, पुराने पुलों की जगह नये पुल बनाने की मांग भी रखी गयी.
रेलवे फ्रेज कॉरिडोर के मामले पर चर्चा के दौरान राज्य की ओर से किये गये कार्यों की जानकारी दी गयी. इसमें भू-अर्जन सहित अन्य विवादों को निबटा लेने की जानकारी दी गयी. पश्चिम बंगाल और बिहार ने भी इस बिंदु पर अपना-अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि इंटर स्टेट काउंसिल की बैठक में ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और केंद्र सरकार के 40 से अधिक अधिकारी शामिल हुए. ओड़िशा की ओर से विकास आयुक्त आर बालाकृष्णन ने पक्ष रखा, बिहार की ओर से गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर शुभानी ने पक्ष रखा. जबकि पश्चिम बंगाल की ओर से गृह विभाग के प्रधान सचिव आरके दत्ता ने पक्ष रखा. बैठक की अध्यक्षता राज्य के मुख्य सचिव राजीव गौबा ने की. परिषद सचिवालय की सचिव नैना जयशीलन ने उपाध्यक्ष की भूमिका निभायी.

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