नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आतंकवाद और नक्सलवाद से निपटने के लिए 17 रिजर्व बटालियन बनाने को मंजूरी दे दी. इनमें से पांच जम्मू-कश्मीर, चार छत्तीसढ़, तीन झारखंड, तीन ओड़िशा व दो महाराष्ट्र के लिए होंगी. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया. जुलाई, 2015 में यह प्रस्ताव कैबिनेट में आया था.
कैबिनेट के फैसले के अनुसार, बटालियानों में स्थानीय युवाओं को भरती में प्राथमिकता दी जायेगी. जरूरत पड़ने पर इन्हें आयु और शिक्षा के मानदंडों में छूट भी दी जायेगी. जम्मू-कश्मीर की पांच बटालियनों में सिपाहियों और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की 60 प्रतिशत भरती राज्य के सीमावर्ती जिलों से की जायेगी. नक्सल प्रभावित राज्यों में सिपाहियों की 75% भरती नक्सली गतिविधियों के गढ़ माने जानेवाले 27 जिलों से की जायेगी. नक्सल प्रभावित राज्यों में ऑपरेशन की जिम्मेदारी इन्हीं बटालियन की होगी.
मध्यप्रदेश में अतिरिक्त जमीन लौटाने को मंजूरी : मध्यप्रदेश में नेशनल ऑटोमोटिव टेस्टिंग एंड आर एंड डी प्रोजेक्ट के तहत वाहन परीक्षण ट्रैक बनाने के लिए अधिग्रहीत 478 हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन लौटाने को को भी केंद्र ने मंजूरी दी. इंदौर के पीथमपुर स्थित भूमि में 461.607 हेक्टेयर निजी तथा 16.70 हेक्टेयर सरकारी भूमि है. जमीन का मूल्य करीब 740 करोड़ रुपये है. राज्य सरकार लौटायी गयी जमीन का उपयोग वाहन एवं संबद्ध सहायक उद्योग के आवंटन में करेगी. सभी प्रकार के वाहनों के व्यापक परीक्षण एवं मूल्यांकन के लिए नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स (एनएटीआरएक्स-इंदौर) 4,140 एकड़ जमीन पर स्थापित किया जा रहा है.