27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शहर के बड़े अस्पताल कर रहे हैं आंखों से खिलवाड़

रांची: राजधानी में नेत्र रोग के बड़े अस्पताल मरीजों की आंखों की रोशनी से खिलवाड़ कर रहे हैं. लेंस की खरीदारी से लेकर उसकी क्वालिटी के साथ अस्पताल समझौता करते हैं. शहर के अस्पताल जिस लेंस के सप्लायरों से लेंस की खरीदारी करते हैं, उनके पास लेंस बिक्री करने का लाइसेंस ही नहीं है. औषधि […]

रांची: राजधानी में नेत्र रोग के बड़े अस्पताल मरीजों की आंखों की रोशनी से खिलवाड़ कर रहे हैं. लेंस की खरीदारी से लेकर उसकी क्वालिटी के साथ अस्पताल समझौता करते हैं. शहर के अस्पताल जिस लेंस के सप्लायरों से लेंस की खरीदारी करते हैं, उनके पास लेंस बिक्री करने का लाइसेंस ही नहीं है. औषधि निरीक्षकों द्वारा शहर के पांच बड़े अस्पताल व क्लिनिक की जांच की गयी, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है. अस्पताल इन सप्लायरों से धड़ल्ले से लेंसों की खरीद-बिक्री करते हैं, लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं है.
जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि बेंगलुरु का सप्लायर मेसर्स कार्ल जेईस इंडिया शहर के एक चश्मा दुकान में क्लिनिक चलानेवाले डॉक्टर व एक आंख के अस्पताल को लेंस की सप्लाई करती है, लेकिन उस सप्लायर के पास खुद लेंस बेचने का लाइसेंस नहीं है. जानकारों की मानें तो यह ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के अधिनियम नियमावली 1945 के नियम 65 (5) का उल्लंघन है. औषधि निरीक्षक प्रणव प्रभात व उत्कल मणि ने जांच कर अपनी रिपोर्ट औषधि निदेशालय के संयुक्त निदेशक के पास 27 जनवरी को सौंप दी.
विक्रय प्रपत्र पर लेंस के उत्पाद की तिथि ही नहीं
आंख के बड़े अस्पतालों से टीम द्वारा एकत्रित किये गये क्रय-विक्रय प्रपत्रों पर लेंस की उत्पाद तिथि, बैच नंबर व उसके एक्सपायर्ड होने की तिथि अंकित नहीं है. इससे यह स्पष्ट नहीं होता है कि जिस व्यक्ति को लेंस लगाया गया, वह उसी सप्लायर से खरीदा गया है. नियमानुसार खरीदे जानेवाले लेंस के विपत्र पर लेंस की उत्पाद तिथि, बैच नंबर व एक्सपायर्ड तिथि होना आवश्यक है. राजधानी में अधिकांश बड़े अस्पताल इस पर ध्यान नहीं देते हैं. कई बड़े व नामी डॉक्टरों ने तो एक माह में मात्र एक विपत्र पर कुल 163 लेंस तक की खरीदारी की है. ऐसे डॉक्टर बड़े अस्पताल लेंस की खरीदारी से संबंधित कोई विपत्र प्रस्तुत नहीं कर पाये. जांच में ये नियमों का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन करते पाये गये़
अस्पताल अपने नाम से खरीदते हैं लेंस
आंख के अस्पताल लेंस का क्रय अपने अस्पताल के नाम से करते हैं, जो गलत है. ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के अधिनियम 1940 व नियमावली 1945 में यह स्पष्ट है कि अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक को औषधि का क्रय-विक्रय करने के लिए लाइसेंस लेना होगा. लेंस औषधि माना गया है, इसलिए ऐसा नहीं करने पर यह धारा 18 सी का उल्लंघन है. इसके अलावा सप्लायरों ने अस्पतालों के नाम से जो विपत्र जारी किये हैं, उसमें चिकित्सक की निबंधन संख्या व अस्पताल का निबंधन संख्या अंकित नहीं है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें