2012-13 में पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए बिजली विभाग को 35 लाख से अधिक रुपये दिये थे. बिजली विभाग ने कनेक्शन लगाया. पर ट्रायल के दौरान कनेक्शन में खराबी आ गयी़ इसके बाद पुलिस विभाग के अधिकारियों ने जमशेदपुर में टेट्रा सिस्टम को शुरू कराने की कभी कोशिश ही नहीं की. न ही वायरलेस विभाग ने इसे लेकर कभी समीक्षा की और कोई प्रयास किया.
Advertisement
बिजली कनेक्शन नहीं, पांच साल से बेकार पड़ा पांच करोड़ का उपकरण
रांची: जमशेदपुर में पांच करोड़ रुपये की लागत से लगे टेट्रा सिस्टम काे पांच साल के बाद भी चालू नहीं किया जा सका है़ बिजली का कनेक्शन ठीक से नहीं लगाये जाने के कारण पूरा सिस्टम बेकार पड़ा है़ टेट्रा का टावर वर्ष 2010 में दलमा हिल पर लगाया गया था. पर यहां तक बिजली […]
रांची: जमशेदपुर में पांच करोड़ रुपये की लागत से लगे टेट्रा सिस्टम काे पांच साल के बाद भी चालू नहीं किया जा सका है़ बिजली का कनेक्शन ठीक से नहीं लगाये जाने के कारण पूरा सिस्टम बेकार पड़ा है़ टेट्रा का टावर वर्ष 2010 में दलमा हिल पर लगाया गया था. पर यहां तक बिजली पहुंचाने में तीन साल लग गये़
2012-13 में पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए बिजली विभाग को 35 लाख से अधिक रुपये दिये थे. बिजली विभाग ने कनेक्शन लगाया. पर ट्रायल के दौरान कनेक्शन में खराबी आ गयी़ इसके बाद पुलिस विभाग के अधिकारियों ने जमशेदपुर में टेट्रा सिस्टम को शुरू कराने की कभी कोशिश ही नहीं की. न ही वायरलेस विभाग ने इसे लेकर कभी समीक्षा की और कोई प्रयास किया.
एक बार भी पत्राचार नहीं किया : दलमा हिल पर टेट्रा सिस्टम को चालू करने के लिए पिछले ढाई साल में एक बार भी पुलिस विभाग ने बिजली विभाग से पत्राचार नहीं किया. अब इस सिस्टम को दोबारा शुरू करने के लिए वायरलेस विभाग ने प्रक्रिया शुरू की है़ बिजली विभाग के अभियंताओं से संपर्क कर कनेक्शन दुरुस्त करने का अनुरोध किया गया है़ हालांकि इस बात का जवाब पुलिस मुख्यालय के किसी अधिकारी के पास नहीं है कि पांच साल तक पांच करोड़ के उपकरण बेकार पड़े होने के लिए जिम्मेदार कौन हैं.
क्या है टेट्रा सिस्टम : टेट्रा सिस्टम किसी खास इलाके के पुलिस को वायरलेस कनेक्टिविटी उपलब्ध कराता है, जो पारंपरिक वीएचएफ वायरेलस सिस्टम से बेहतर होता है. इस सिस्टम से किसी शहर की पुलिस गश्त को नियंत्रित किया जाता है. सिस्टम को चालू करने के लिए ऊंची जगह पर टावर लगाना होता है. एक कंट्रोल रूम बनाया जाता है. इसके जरिये बातचीत में घरघराहट नहीं होती है. अभी जो वायरलेस सिस्टम है, इसमें एक तरफ से ही बोला जा सकता है. टेट्रा सिस्टम में दोनों तरफ से बात की जा सकती है. किसी वीवीआइपी के मूवमेंट के वक्त पुलिस के लिए अलग बैंड का वायरलेस सिस्टम भी चालू किया जा सकता है.
टेट्रा सिस्टम के क्या हैं फायदे
टेट्रा सिस्टम पर आवाज स्पष्ट सुनायी देती है
सामान्य वायरलेस सेट पर वन-वे बात होती है, जबकि टेट्रा पर टू-वे बात होती है
टेट्रा सिस्टम के वायरलेस सेट से एसएमएस भी भेजा जा सकता है
रांची में काम कर रहा है सिस्टम
वर्ष 2009 में रांची और जमशेदपुर में पुलिस की गश्ती टेट्रा सिस्टम पर किये जाने की योजना तैयार की गयी थी़ दोनों शहर में योजना को लागू करने के लिए करीब नौ करोड़ रुपये में उपकरणों की खरीद की गयी थी. रांची में इस सिस्टम को चालू कर दिया गया है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement