रांची :झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ (झासा) ने डीडीसी के पद पर बाहर के अभ्यर्थी या दूसरी सेवा के अफसर को रखे जाने की किसी भी काेशिश का विरोध किया है. संघ ने कहा है कि अगर सरकार ऐसा करती है, तो संघ बाध्य होकर आंदोलन करेगा. संघ की बैठक में कहा गया कि डीडीसी के 18 पद झारखंड प्रशासनिक सेवा के संयुक्त सचिव स्तर के अफसरों के लिए सृजित व चिह्नित हैं. ऐसे में गुपचुप तरीके से सरकार दूसरों को इन पदों पर रखना चाहती है.
झासा के सदस्यों ने कहा कि बेसिक ग्रेड का वेतनमान 9300-34800 व ग्रेड पे-5400 है, लेकिन इनका वेतनमान 15600-39100 किया जाना चाहिए. संघ ने संयुक्त सचिव, अपर सचिव व विशेष सचिव का वेतनमान क्रमश: 8700, 8900 व 10000 करने की मांग रखी है. संघ ने कनीय प्रवर कोटि की रिक्तियों में जेपीएससी से चयनित द्वितीय व तृतीय बैच के अफसरों को प्रोन्नति देने को कहा है. संघ ने कहा है कि वर्ष 2014, 2015 व 2016 की रिक्तियों के विरुद्ध झारखंड प्रशासनिक सेवा के अफसरों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति देने के लिए कार्रवाई की जाये. वहीं बीडीअो गोपी उरांव के विरुद्ध गलत आरोप पत्र के गठन का भी विरोध किया गया.
वक्ताअों ने कहा कि कोडरमा के मरकच्चो प्रखंड स्थित जिला परिषद के डाक बंगला से पेड़ों की अवैध कटाई की जांच की हो. साथ ही प्रवीण प्रकाश को निलंबन मुक्त किया जाये. सदस्यों ने कहा कि इस मामले में डीसी की भूमिका को सिर्फ इसलिए नजरअंदाज नहीं किया जाये कि वे भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी हैं.
संघ ने कहा है कि आरोप लगाने वाले विभाग को ही दंड देने का अधिकार नहीं दिया जाये. दंड का अधिकार कार्मिक, प्रशासनिक सुधार विभाग को ही हो. बैठक में महासचिव यतींद्र प्रसाद, कौशल किशोर ठाकुर, राजेश पाठक, राज कुमार, अरविंद कुमार मिश्र, अविनाश कुमार, प्रमोद कुमार तिवारी, राजीव रंजन, कार्तिक प्रभात, राम लक्ष्मण गुप्ता, शेखर जमुआर, परवेज इब्राहिमी, संजीव कुमार लाल, प्रवीण प्रकाश, सौरभ प्रसाद, अभय नदन अंबष्ट सहित कई अन्य अफसर उपस्थित थे.