कमेटी ने ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए पांच पन्नों का सुझाव तैयार किया था. इसके पूर्व तत्कालीन ट्रैफिक एसपी राजीव रंजन के ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने से संबंधित एक प्रस्ताव मुख्य सचिव के पास भेजा गया था, लेकिन आज तक उस पर कोई काम नहीं हुआ.
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विफलता: मुख्य सचिव को दिये प्रस्ताव पर भी नहीं दिखायी गंभीरता, नहीं हुआ ट्रैफिक सुधारने के सुझावों पर कोई काम
रांची: राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए गठित कमेटी के सुझाव और मुख्य सचिव को ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने से संबंधित दिये गये प्रस्ताव पर आज तक कोई काम नहीं हुआ है. ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए पांच जनवरी, 2015 को रांची के तत्कालीन डीआइजी प्रवीण सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. बैठक में […]
रांची: राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए गठित कमेटी के सुझाव और मुख्य सचिव को ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने से संबंधित दिये गये प्रस्ताव पर आज तक कोई काम नहीं हुआ है. ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए पांच जनवरी, 2015 को रांची के तत्कालीन डीआइजी प्रवीण सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई थी. बैठक में पुलिस अधिकारी के अलावा, नगर निगम, विभिन्न एसोसिएशन के प्रतिनिधि और चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि शामिल थे.
ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए गठित की गयी कमेटी के सुझाव, जिन पर काेई काम नहीं हुआ
वाहन पार्किंग के लिए सात स्थानों को चिह्नित कर पार्किंग स्थल बनाया जाये.
शहर में पेट्रोल टैंकर को 10 बजे से दो बजे के बीच प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगाया जाया.
सभी चौक- चौराहों का चौड़ीकरण हो, वाहनों के लिए तीन लेन विकसित किया जाये.
सभी फुटपाथ दुकानदारों को मेन रोड से हटा कर दूसरे स्थान वेडिंग जोन बनााया जाये. फुटपाथ दुकान रात के नौ बजे से लेकर 12 बजे के बीच लगे. इसके लिए चार जगहें चिह्नित की गयी.
स्कूल बस के लिए भी स्टॉपेज का निर्धारण हो. इसके लिए टीम बनायी गयीं.
राजधानी के कुछ मार्गों को वन वे किया जाये, लेकिन दूसरे विभाग का सहयोग नहीं मिलने से काम नहीं हो सका.
ट्रैफिक एसपी द्वारा मुख्य सचिव को भेजा गया प्रस्ताव
लालपुर चौक से डिस्टिलरी पुल तक लगने वाले सब्जी बाजार को दूसरे स्थान पर लगाने की व्यवस्था की जाये.
कांटाटोली चौक से बुटी मोड़ तक की सड़क को फोर लेन किया जाये.
अपर बाजार के इनर रोड को भी वन वे किया जाये, ताकि जाम न लगे.
ट्रैफिक पुलिस जुर्माना के रूप में जो रुपये वसूलती है, उसका 40 प्रतिशत लोगों को जागरूक करने में खर्च हो.
शहर के सभी ट्रैफिक सिग्नल के पास सीसीटीवी कैमरे लगाये जाये और मॉनिटरिंग के लिए ट्रैफिक कंट्रोल रूम बनाया जाये.
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