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कार्यशाला: खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर बोले मंत्री सरयू राय, अफसरों की तय होगी जिम्मेवारी

रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा है िक खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सभी को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए अफसरों की जिम्मेवारी निर्धारित की जायेगी. होटल बीएनआर में विभाग के अधिकारियों के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर आयोजित प्रशिक्षण और कार्यशाला में श्री राय ने बदलते समय के साथ व्यवस्था […]

रांची : खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा है िक खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सभी को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए अफसरों की जिम्मेवारी निर्धारित की जायेगी. होटल बीएनआर में विभाग के अधिकारियों के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर आयोजित प्रशिक्षण और कार्यशाला में श्री राय ने बदलते समय के साथ व्यवस्था में बदलाव लाने की हिदायत दी. कहा कि सरकार में कई बार उपलब्धियां गिनाने की मजबूरी हो जाती है. पर सरकार की योजनाएं जमीनी स्तर पर कितनी प्रभावी हैं, यह अधिकारियों को बताना होगा. काम होना अच्छा है, पर काम नहीं होने का भी कारण सरकार को मालूम होना चाहिए. अधिकारी अपनी परेशानी बतायें. सरकार दूर करेगी.
श्री राय ने कहा कि काफी समय से लंबित खाद्य आपूर्ति के कर्मचारियों की प्रोन्नति की मांग सरकार पूरी कर रही है. जिनका एसीआर लंबित है, उनको छोड़ कर शेष अधिकारियों और कर्मचारियों को 26 जनवरी तक प्रोन्नति प्रदान कर दी जायेगी. काम की परेशानियां दूर करने के लिये विभाग की रिक्त जगहों को भी भरने की कार्यवाही की जा रही है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को भी अपना फर्ज निभाना होगा. टीम भावना के साथ काम करना होगा. खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अब केवल पेट भरने के लिए भोजन देना पर्याप्त नहीं है, बल्कि गुणवत्तायुक्त युक्त पौष्टिक भोजन सबका अधिकार हो गया है. राशन कार्ड नहीं होने या अन्य कारणों से अगर किसी को भोजन उपलब्ध नहीं होता, तो राज्य सरकार को संबंधित व्यक्ति को उस अवधि तक हरजाना देना होगा. इस स्थिति में अफसरों पर जिम्मेवारी तय होगी. नये जमाने के साथ चलने के लिए प्रशासन को सशक्त होना होगा. इसके लिए परिवर्तन बहुत जरूरी है. खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करने के लिये जिलों के अधिकारियों को भी सहयोग करना होगा. श्री राय ने कहा कि झारखंड अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्र है. राज्य में कई एक्शन प्लान चल रहे हैं. ऐसे में 86 फीसदी लोगों की जगह पूरे सौ फीसदी लोगों को खाद्य सुरक्षा का लाभ मिलना चाहिए. आदिम जनजाति के सभी परिवारों को इसमें शामिल किया जाना चाहिए. छूट नामों को जोड़ कर अयोग्य लोगों को बाहर किया जाना चाहिए. श्री राय ने कहा कि इसमें राशन डीलरों को भी अपनी जिम्मेवारी समझनी होगी.
इसके पहले विभागीय सचिव विनय चौबे ने आयोजन के उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डाला. विभाग के विशेष सचिव रवि रंजन ने अतिथियों का स्वागत और संयुक्त सचिव बसंत कुमार दास ने धन्यवाद ज्ञापन किया. बाद में चले तकनीकी सत्र में राज्य भर से आये विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी. उनको सप्लाई चेन मैनेजमेंट के कंप्यूटराइजेशन के बारे में बताया गया. फंड के इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर और ऑनलाइन एलॉटमेंट के बारे में बताया. कार्यक्रम में खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले कई एनजीओ के प्रतिनिधि भी शामिल हुए.
खाद्य सुरक्षा के लिए दोगुनी मेहनत की जरूरत : ज्यां द्रेज
कार्यशाला को संबोधित करते हुए अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज कहा कि खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में सरकार ने मेहनत की है, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है. इस क्षेत्र में दोगुनी मेहनत की जरूरत है. अपने सुझाव देते हुए ज्यां ने कहा : झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग की वेबसाइट देश के दूसरे राज्यों की तुलना में काफी अच्छी है, लेकिन इसमें अभी भी काफी सुधार की गुंजाइश है. उन्होंने अंत्योदय योजना के तहत सरकार का कोटा बढ़ाने, 100 फीसदी जरूरतमंदों को लाभ देने, छूटे परिवारों और व्यक्तियों का नाम शामिल
करने के लिए अभियान चलाने की सलाह दी.

युद्धस्तर पर काम करने की जरूरत : बलराम

खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले समाजिक कार्यकर्ता बलराम ने कहा कि राज्य सरकार ने खाद्य सुरक्षा को बेहतर बनाने की सराहनीय पहल की है. इसे लागू करने के बाद जमीनी स्थिति का आकलन कर नीतियों और नियमों में संशोधन से लक्ष्य आसान हुआ है. इस पर युद्धस्तर से काम करने की जरूरत है. सुखाड़ में इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है. राशन कार्ड बनाना और बांटना चुनौती है.

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